प्रसूता के लिए अमृत जैसा है दशमूलारिष्ट
डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। उन् हें कैल्शियम , आयरन , विटामिन जैसे जरूरी तत् वों की कमी से जूझना पड़ता है। ऐसे में अन् य बीमारियां उनके शरीर पर हमला कर देती हैं। इस स्थिति में दशमूलारिष् ट अनेकों व् याधियों को नष् ट कर महिलाओं को सुरक्षा घेरा प्रदान करता है। यह प्रसूता स्त्रियों के लिए अमृत के समान माना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित् सकों के अनुसार , यह संग्रहणी , अरुचि , शूल , स्वसन , खांसी , भगन्दर , वात व्याधियों , क्षय , वमन , पाण्डुरोग , कुष्ठ , कामला , मंदाग्नि , प्रमेह , समस्त उदर रोग , मधुमेह , पथरी , मूत्रकृच्छ इत्यादि रोगों में कारगर सिद्ध हुआ है। इसके अलावा कमजोर महिलाओं के लिए यह वरदान है। वहीं यह गर्भाशय से संबंधित दोष को भी दूर करने में सक्षम है। यह तो आप जानते ही हैं कि कैल्शियम से शिशु की हडि्डयों का विकास होता है। नवजात को मां के दूध से कैल्शियम मिलता है। ऐसे में मां को मजबूत रहना बहुत जरूरी है। क्योंकि शिशु के पोषण के कारण मां का...