मंगलदायनी हैं मां मंगला गौरी

@adityadev #adityadev ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक समृद्धि से परिपूर्ण राज्य बिहार में मौजूद गया दुनिया में काफी प्रसिद्ध है। बात इस मृत्युलोक से मुक्ति की हो या बोधी यानी ज्ञान प्राति की। गया शक्ति , ज्ञान व मुक्ति का अनुपम धाम है। यही नहीं , यहां मौजूद प्रेतशिला बेदी पर आप प्रेत आत्माओं से भी साक्षात्कार कर सकते हैं। बोध गया में ज्ञान और अध्यात्म प्राप्त कर सकते हैं और विष्णुपद में मोक्ष से परिचित हो सकते हैं। इसी क्रम में भस्मकुट पर्वत पर शक्ति पीठ मां मंगला गौरी का मंदिर है। मान्यता है कि मां सती का वक्ष स्थल यहीं पर गिरा था। इसी के चलते इस पावन शक्तिपीठ को पालनहार पीठ व पालनपीठ के तौर पर जाना जाता है। पौराणिक ग्रंथों में यह कहानी है कि भगवान शिव अपनी पत्नी सती का जला शरीद लेकर तीनों लोकों में उद्विग्न होकर घूम रहे थे। भोले बाबा को दुखी देख भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर को सुदर्शन चक्र से काट दिया। मां के शरीर का टुकड़ा 51 स्थानों पर गिरा , जिसे शक्तिपीठ के तौर पर हम पूजते हैं। मंगलवार को यहां काफी श्रद्धालुगण आते हैं और मनोकामना पूर्ण होने का वर...