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पापा चिड़िया रानी कैद क्यों है

  पापा चिड़िया रानी कैद क्यों है और सब आजाद क्यों हैं इसने क्या गलती की है या वो गलत हैं पापा चिड़िया रानी कैद क्यों है। सुना है गलती की सजा जेल होती है इसको किसकी सजा मिली है ये नन्हीं मासूम ने किसका क्या किया है पापा ये चिड़िया कैद क्यों है। आकाश की रानी लोहे से जकड़ी क्यों है कलरव करने वाली गुमसुम क्यों है आंगन में फुदकने वाली यूं शांत क्यो है  पापा चिड़िया रानी कैद क्यों है। पापा मैं भी छोटी हूं, तुम्हारी प्यारी हूं मुझे आप क्यों नहीं कैद किए हैं मैं क्यों आजाद और वो ऐसे हैं पापा चिड़िया रानी कैद में क्यों है।।

अपराध एक विचार है

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आए दिन अखबारों में रेप और हत्या की घटनाएं अपना सर्वोच्च स्थान कायम की हुई हैं। ऐसे में सबसे आगे बढ़ यूपी ने पांच साल पूर्व बिहार के यादव युग की यादें ताजा कर दी हैं। लेकिन हैवानियत और दहशत में शादय यह अब बिहार को •ाी मात दे चुका है। हो •ाी क्यों न। आखिर वहां तो सिर्फ एक लालू यादव थे। यहां तो तीन नहीं चार यादव शासकों का शासन है। कहने को तो ये जनता के सेवक हैं। किंतु ये सेवक नहीं ये यहां के वास्तविक शासक हैं और वो •ाी तानाशाह। यह बात मैं अपने आक्रोशित विचारों के आधार पर नहीं कह रहा, बल्कि पिछले कुछ दिनों में आए यूपी के माननीय सीएम के परिजनों के बयान के आधार पर बोल रहा हूं।  खैर हमारा यहां मुद्दा यह नहीं है कि राजनीतिक गलियारों में इन समस्याओं के लिए क्या चहलकदमी है। हम आम जन है तो हमारी सोच •ाी सिर्फ अपने तक ही होनी चाहिए। यानी की अपने परिवार और आस-पास के समाज पर। यदि गौर करें तो हर बालक अपने माता-पिता, गुरु और अन्य बड़ों से सिर्फ नैतिक और सामाज को विकसित करने वाले विचार ही ग्रहण करता है। किंतु न जाने कब उसके अंदर एक हैवान घर करने लगता है। उसे नहीं पता चलता। लेकिन यहां ...