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प्रेस वहीं जो सिलवटों को प्‍यार से दूर करे

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हमारा कपड़ा और पहनावा हमारे व्‍यक्तित्‍व का अहम हिस्‍सा है। ऐसे में ऑफिस , स्‍कूल , कॉलेज या पार्टी , कहीं भी जाना हो तो हमारा ड्रेस ही सामने वाले को सबसे पहले इंप्रेस करता है। यानी बेहतर पहनावा और अच्‍छा लुक आपके भरोसे व व्‍यक्तित्‍व में चार चांद लगा देते हैं। ऐसे में आपके घर व कमरे में एक बेहतर प्रेस का होना बहुत जरूरी है। एक ऐसा आयरन जो कपड़ों का ख्‍याल रखते हुए उसके सिलवटों को प्‍यार से दूर करे।       कपड़े आपके कितने भी अच्‍छे व महंगे क्‍यों न हों , पर यदि उन पर सिलवटें हों तो ठीक नहीं लगते। ऐसे में हमारे जीवन का महत्‍वपूर्ण भाग प्रेस अच्‍छा और आकर्षक होना ही चाहिए। इसे खरीदते समय लापरवाही नहीं सावधानी की काफी जरूरत होती है। आपकी जल्‍दबाजी या किसी भी प्रेस की खरीदने की समझ का नतीजा यह होता है कि वह सिलवटों को अच्‍छे से दूर नहीं करता और जल्‍द ही खराब भी हो जाता है। ऐसे में आपको जब भी प्रेस खरीदना हो तो सबसे पहले तो आयरन पावर चेक करें। यदि कम कपड़े प्रेस करने होते हैं तो 1000 वाट भी ठीक है , लेकिन ज्‍यादा कपड़े प्रेस करने हों तो 1000 से 2200 वाट त...

जनसंख्‍या और जॉब के जंजाल में फंसा हिंदुस्‍तान

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भारत युवाओं का देश है। यह तो हम सभी जानते हैं। विगत दशक में युवा छात्रों और बेरोजगारों की संख्‍या तेजी से बढ़ी इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है। सरकार या समाज। आज या बिता हमारा कल। जनसंख्‍या और नौकरी तालमेल कैसे बैठा पाएगी कोई भी सरकार। खाद्यपदार्थों को कैसे पूरा करेगा समाज और सरकार। किसी भी समास्‍या के लिए प्रत्‍यक्ष तौर पर सरकार जरूर जिम्‍मेदार नजर आती है। पर, अप्रत्‍यक्ष तौर पर हमारे पूर्वज, समाज और बीती सरकारें भी जिम्‍मेदार होती हैं।    संयुक्त राष्ट्र में अर्थव्यवस्था और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन-डीईएसए) की हालिया रिपोर्ट आपको देखने और समझनै की जरूरत है। इसके अनुसार, 2027 तक भारत की आबादी चीन से अधिक हो जाएगी। अभी भारत में करीब 1.36 अरब लोग हैं और चीन में 1.42 अरब हैं। रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि 2050 तक हिन्‍दुस्‍तान 164 करोड़ जनसंख्या के साथ टॉप पर पहुंच जाएगा। अब इस जनसंख्‍या वृद्धि के लिए कौन जिम्‍मेदार। भारत की सरकारें तीन व चार दशकों से लगातार लोगों को इससे होने वाले दुष्‍परिणाम को लेकर चेताती रही हैं। इससे भोजन, परिवहन और नौकरी हर चीज प्रभावित होगी, प...