तन्हाई और तू

हर तन्हाई में तू याद आती है ।
हर महफ़िल में तेरी याद आती है ।
हर घड़ी तू याद आती है।
हर महफ़िल में तेरी याद आती है ।
हर घड़ी तू याद आती है।
साँसे तेज हो या धडकनों में कमी '
तूफानी रातें हो या सन्नाटे का घेरा '
हर घड़ी तू याद आती है।
कोई दर्द का हो या सुकून का पल '
खुशियों की झड़ी हो या दुखो का समुन्दर '
हर घड़ी तू याद आती है।
दोस्तों के बिच रहूँ या सुन - सान राहों में '
मनचाही जगह या अनचाहे ख्वाबों में'
हर घड़ी तू याद आती है ।
मनचाही जगह या अनचाहे ख्वाबों में'
हर घड़ी तू याद आती है ।
चोट लगती है या जिन्दगी दर्द दे जाती है '
आँखें नम हो या खुशियों से छोटी पड़ जाती है '
हर घरी तू याद आती हो ।
आँखें नम हो या खुशियों से छोटी पड़ जाती है '
हर घरी तू याद आती हो ।
हर सुकून हर जूनून में '
हर महफ़िल हर रूह में '
सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम याद आती हो ।
हर महफ़िल हर रूह में '
सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम याद आती हो ।
abhivaykti shandar hai, pahla prayas hi kaphi badiya hai .
जवाब देंहटाएंdard to kuchh jyada hi ghanibhut ho malum padta hai kaun hai jiske liye itana tdap
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