सोनीपत में ठहरे थे महाभारत के योद्धा

@adityadev #adityadev स्वर्णप्रस्थ यानी सोनीपत। ऐसे तो आधुनिक इतिहासकारों का कहना है कि इस नगर को करीब 1500 ई.पू. में आरंभिक आर्यों ने बसाया था। पर इस जगह के प्रमाण हमें महाभारत काल के इतिहास में भी प्राप्त होता है। छांदोग्य-उपनिषद यानी 1000 ईसा पूर्व महाभारत के पात्रों व जगहों का वर्णन मिलता है। यही नहीं , 3100 ईसा पूर्व में जनमेजय के सर्प यज्ञ समारोह में भी महाभारत का वर्णन है। इसके बाद 2000 ईसा पूर्व में से वैशम्पायन के शब्दों में वहीं 1200 से 600 ईसा पूर्व में वर्णित कई पांडुलिपियों में भी महाभारत का उल्लेख मिलता है। इस दौरान युनान व अन्य विदेशियों ने भी इसका वर्णन किया है। अब आप सोच रहे होंगे महाभारत से स्वर्णप्रस्थ का क्या लेना देता तो आपको बता दें कि स्वर्ण प्रस्थ में ही महाभारत के योद्धा ठहरे हुए थे। यहीं पर रसद इत्यादि की व्यवस्था की गई थी। यहां पर उस दौरान चार कुंए भी खुदवाए गए , जिनमें से तीन को लोगों ने भरकर घर बना लिया। एक कुंआ स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय के सहयोग से बचा लिया गया है , जो यहां के रामलीला मैदान में मौजूद है। आपको बता दें कि स्वर्णप्रस्...