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जल संरक्षण से भविष्य की रक्षा करें

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जल एक ऐसी चीज है जिसके बिना जीवन की कल्पना करना सिर्फ छलावा है। हमारे शरीर का एक तिहायी हिस्सा जल है। ऐसे में यह बात तो तय है कि हमारे जीवन के लिए यानी हमें जीवित रहने के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। ऐसे में बढ़ती मानव जनसंख्या और पानी की बर्बादी आज पूरी दुनिया के लिए एक चिंता का विषय है। ऐसे में जल संरक्षण को लेकर हम सब की भा‍गीदारी महत्वपूर्ण है। यह तो तय है कि आने वाली पीढि़यों के जीवन के लिए हमें अब गंभीरता के साथ सजग हो जाने की जरूरत है। वहीं प्रकृति के अन्य जीवों , पक्षियों और वनस्‍पतियों के जीवन के बारे में भी सोचने की जरूरत है। उनका भी पेयजल पर उतना ही अधिकार है जितना हम इंसानों का है।       अभी के हालात पर नजर डालें तो मानव सभ्यता कई प्राकृतिक आपदाओं से घिरती जा रही है। यह बढ़ती आबादी , प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ और जल की बर्बादी का ही परिणाम है कि आज पूरा जीवमंडल परेशानियों से घिर गया है। विश्व का तीन चौथाई हिस्सा जल से घिरा है फिर भी पीने योग्य पानी की बात करें तो वह बहुत कम है। ऐसे में पानी की बर्बादी आने वाली पीढि़यों के लिए किसी घात...

दिल की हर धड़कन का रखें ख्‍याल

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बात प्‍यार की हो या स्‍वस्‍थ जीवन की , दिल की इस मामले में सबसे अहम भूमिका होती है। इसकी हर धड़कन इंसान के लिए महत्‍वपूर्ण है। ऐसे में इसका ख्‍याल रखना हम सबके लिए काफी जरूरी है। वर्तमान हालात को देखें तो बेढ़ंगी दिनचर्या , गलत खान-पान , तनाव , अवसाद , बढ़ता प्रदूषण और रिश्‍तों में आती दरार हृदय की समस्‍याओं को बढ़ा रहे हैं। आज हालात यह है कि इस बीमारी ने बुजुर्ग और बच्‍चों को भी अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। विश्‍व हृदय दिवस पर आइए जानते हैं अपने दिल को कैसे स्‍वस्‍थ और खुशहाल रख सकते हैं। बता दें कि हर साल 29 सितंबर को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा दुनिया में वर्ल्‍ड हार्ट डे मनाया जाता है।    आपको हैरत होगी कि विश्‍व में दिल के दौरे से हर साल 1 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। इनमें से 50 प्रतिशत लोग अस्‍पताल पहुंचने से पहले ही जान गवां देते हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि इस वक्‍त 20 से 40 की उम्र के युवा इसके शिकार ज्‍यादा हो रहे हैं , जो चिंं तनीय है। हृदय रोग कई बार अनुवांशिक कारणों से भी होता है। ऐसे में आपकी जागरूकता ही आपको और अपनों को इस समस्‍या से बचा...

जागरूकता ही मधुमेह से बचाएगी आपकी जान

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डयबिटीज यानी मधुमेह आज एक आम बीमारी की तरह लोगों के रगों में घुलती जा रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि हर दो व्यक्ति में से एक इस मीठे जहर की चपेट में आ गया है। ऐसे में इस मर्ज से सिर्फ और सिर्फ जीवनशैली में बदलाव और आपकी जागरूकता ही आपको बचा सकती है। आइए 14 नवंबर को मनाए जाने वाले वर्ल्‍ड डायबिटीज डे के उपलक्ष्य पर इस बीमारी के बारे में हम और आप मिलकर समझें और अन्य को भी जागरूक करें ... हमारा देश भारत भी दुनिया के अन्य देशों के साथ डायबिटीज से काफी प्रभावित है। भारत में ही आज मधुमेह के 7 . 2 करोड़ के करीब पीड़ित हैं। माना जा रहा है कि 2025 तक यह आंकड़ा 13 . 4 करोड़ तक पहुंच जाएगा। यदि विश्व की बात करें तो दुनिया में 42 . 5 करोड़ लोग आज डायबिटीज की चपेट में हैं। इससे यह तो समझ ही गए होंगे कि दुनिया में मधुमेह के सबसे अधिक मरीज भारत में ही हैं। इस बढ़ती बीमारी के दायरे को देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन 1991 से लोगों को जीवनशैली में आवश्यक बदलाव लाने के लिए जागरूक करती आ रही है। क्योंकि इस बीमारी को मात देना है तो सबसे पहले तो आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव जाने की जरूरत होगी। ...

सोलर से घर में लाएं ऊर्जा और समृद्धि

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रोशनी के बिना जीवन जीना काफी कठिन है। ऐसे में घर और दुकान तभी रोशन होगा जब यहां भरपूर रोशनी हो। आपके जेब पर बिल का बोझ न पड़े। ऐसे में आपको यह जानकर अच्‍छा लगेगा कि आप साल भर में बिजली बिल पर जितना खर्च करते हैं , वह आपकी सूझबूझ से 10वें भाग में सिमट जाएगा। जी हां , आपका बिल 90 प्रतिशत तक कम हो जाएगा यदि आप अपने घर और दुकान में सौर ऊर्जा का प्रयोग करें। आज केंद्र के साथ कई राज्‍यों की सरकारें देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और लोगों को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। आज भारत सरकार की योजना है कि शहर के साथ गांव-गांव के लोग अपनी ऊर्जा जरूरत को आसानी से प्राप्‍त कर सकें। इसके लिए सोलर पैनल और प्‍लांट लगाने पर आपको 40 प्रतिशत तक की छूट सरकार से प्राप्‍त होती है। पर यहां यह जानना भी जरूरी है कि आखिर आप सोलर ऊर्जा क्‍यों लगाएं , तो चलिए आपको हम इसके फायदे और जरूरत के बारे में विस्‍तार से बताते हैं।  स्‍वच्‍छ वातावरण और स्‍वस्‍थ देश होगा सबसे पहले तो यह जान लें कि आज भी हमारे देश में बिजली का 53 प्रतिशत उत्‍पादन कोयले से हो रहा है। हालांकि केंद्र सरकार की...