सोलर से घर में लाएं ऊर्जा और समृद्धि
रोशनी के बिना जीवन जीना काफी कठिन है। ऐसे में घर और दुकान तभी रोशन होगा
जब यहां भरपूर रोशनी हो। आपके जेब पर बिल का बोझ न पड़े। ऐसे में आपको यह जानकर
अच्छा लगेगा कि आप साल भर में बिजली बिल पर जितना खर्च करते हैं, वह आपकी सूझबूझ से 10वें भाग में सिमट जाएगा। जी हां, आपका बिल 90 प्रतिशत तक कम हो जाएगा यदि आप अपने घर
और दुकान में सौर ऊर्जा का प्रयोग करें।
आज केंद्र के साथ कई राज्यों की सरकारें देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने
और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। आज भारत सरकार की
योजना है कि शहर के साथ गांव-गांव के लोग अपनी ऊर्जा जरूरत को आसानी से प्राप्त
कर सकें। इसके लिए सोलर पैनल और प्लांट लगाने पर आपको 40 प्रतिशत तक की छूट सरकार
से प्राप्त होती है। पर यहां यह जानना भी जरूरी है कि आखिर आप सोलर ऊर्जा क्यों
लगाएं, तो चलिए आपको हम इसके फायदे और जरूरत के
बारे में विस्तार से बताते हैं।
स्वच्छ
वातावरण और स्वस्थ देश होगा
सबसे पहले तो यह जान लें कि आज भी हमारे देश में बिजली का 53 प्रतिशत उत्पादन कोयले से हो रहा है। हालांकि केंद्र सरकार की यह योजना है कि 2050 तक कोयले से ऊर्जा के उत्पादन को समाप्त कर अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा दिया जाए। आपको यह तो मालूम ही है कि भारत की 72 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। आज भी भारत के बहुत से ऐसे गांव हैं जहां बिजली नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में सौर ऊर्जा एक ऐसे विकल्प के तौर पर जन-जन तक पहुंच रहा है। सौर ऊर्जा न हमारे घर, दुकान, अपार्टमेंट, रास्ते व गलियों को रोशन कर रहा है, बल्कि हमें महंगे बिजली बिल से भी छुटकारा दिला रहा है। ऐसे में जब हम अक्षय ऊर्जा के स्रोत को अपनाएंगे तो यह निश्चित है कि परिणाम रूप में स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ देश को बढ़ावा भी देंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कंडों व लकडि़यों की उपयोगिता कम होगी और सौर ऊर्जा से गांव-गांव समृद्ध और रोशन होगा।
सबसे पहले तो यह जान लें कि आज भी हमारे देश में बिजली का 53 प्रतिशत उत्पादन कोयले से हो रहा है। हालांकि केंद्र सरकार की यह योजना है कि 2050 तक कोयले से ऊर्जा के उत्पादन को समाप्त कर अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा दिया जाए। आपको यह तो मालूम ही है कि भारत की 72 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। आज भी भारत के बहुत से ऐसे गांव हैं जहां बिजली नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में सौर ऊर्जा एक ऐसे विकल्प के तौर पर जन-जन तक पहुंच रहा है। सौर ऊर्जा न हमारे घर, दुकान, अपार्टमेंट, रास्ते व गलियों को रोशन कर रहा है, बल्कि हमें महंगे बिजली बिल से भी छुटकारा दिला रहा है। ऐसे में जब हम अक्षय ऊर्जा के स्रोत को अपनाएंगे तो यह निश्चित है कि परिणाम रूप में स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ देश को बढ़ावा भी देंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कंडों व लकडि़यों की उपयोगिता कम होगी और सौर ऊर्जा से गांव-गांव समृद्ध और रोशन होगा।
सौर
ऊर्जा का बदल रहा यूज
सौर ऊर्जा के तहत सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को इंसानों और उनके संयंत्रों के
योग्य बनाकर प्रयोग करना है। इससे आज घर, दुकान और ऑफिस की
जरूरतें ही हम नहीं पूरी कर रहे, बल्कि आज हम अपने
वाहनों को भी सौर ऊर्जा से रफ्तार दे रहे हैं। आज दुनिया की कई कंपनियां ई-वाहनों
के साथ ही सौर ऊर्जा से संचालित गाडि़यों का भी निर्माण कर रही हैं। आपको यह मालूम
ही होगा कि हमारे देश में साल में 3000 घंटे सूर्य की रोशनी उपलब्ध है। इससे 5000
ट्रिलियन किलोवाट ऊर्जा को यहां संरक्षित किया जा सकता है। भारत गांवों को देश है।
ऐसे में इस ऊर्जा का प्रयोग गांव को रोशन करने के साथ ही ट्यूबवेल व खेती के
कार्यों में भी किया जा सकता है।
इसके लाभ
को जानें
·
सौर ऊर्जा कभी खत्म न होने वाला संसाधन है।
·
यह कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैस नहीं
छोड़ती और वातावरण शुद्ध रहता है।
·
भोजन पकाने, घरेलू संयंत्रों को
चलाने, मोटर व ट्यूबवेल को संचालित करने के साथ
ही यह आज हवाई जगाज, उपग्रह इत्यादि में
भी प्रयोग होने लगा है।
·
मोटरकार और ई-रिक्शा के संचालन में भी इसका प्रयोग हो
रहा है।
·
फ्रीज, कूलर, एसी जैसे यंत्रों के चलते आने वाले बढ़े बिजली के बिल
से मुक्ति मिलती है।
·
20 से 25 वर्षों तक आप खर्च से मुक्ति पा जाते हैं।
·
घर की छत पर या खाली पड़े अनुपयोगी प्लॉट का प्रयोग
कर ढेरों ऊर्जा का निर्माण कर सकते हैं।
·
सबसे अहम और जरूरी चीज की इसका प्रयोग आप कमाई के तौर
पर बिजली बेचकर भी कर सकते हैं।
कर सकते हैं कमाई
बढ़ते बिजली बिल और महंगाई के मद्देनजर सोलर पैनल की मांग
इन दिनों तेजी से बढ़ रही है। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी बिजली के बोझ
को कम करने के लिए लोगों को नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति जागरूक करने में जुटी हैं।
इसके अलावा नागरिकों को सोलर प्लांट आदि लगवाने पर छूट भी दे रही हैं। वहीं सौर
ऊर्जा से संरक्षित बिजली को बेचने और आर्थिक समृद्धि के प्रति भी जोगों को आगे
बढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं। बता दें कि यदि आपको बड़े स्तर पर सोलर पैनल लगवाना
हो तो लोकल बिजली कंपनियों से पहले लाइसेंस लेना पड़ेगा। पावर परचेज एग्रीमेंट
साइन हो जाने के बाद सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट कुल निवेश 60-80 हजार रुपए करना होगा। राज्य सरकारें विशेष
ऑफर के तहत प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट की दर से पैसे मिलेंगे।
मेंटनेंस कम सुविधा ज्यादा
सौर ऊर्जा से संबंधित पैनल खरीदने के लिए राज्य सरकार के अक्षय ऊर्जा
विकास प्राधिकरण में संपर्क करें। हर राज्य व जिले में इसका ऑफिस है। इसके अलावा
प्राइवेट डीलर भी आपको सोलर पैनल उपलब्ध कराते हैं। सब्सिडी के लिए आपको अथॉरिटी
से फॉर्म मिल जाएगा। घर से आप 500 किलोवॉट तक बिजली की ट्रेडिंग कर सकते हैं। आपकी
सुविधा के लिए वित्त मंत्रालय ने लोन देने के लिए हर बैंक को आदेश दे रखा है। यह
लोन क्रेड के जरिये आसानी से आपको मिल जाएगा। आपको बता दें कि सोलर पैनल की उम्र
25 वर्ष की होती है। सोलर पैनल के रखरखाव में खर्च न के बराबर है। हालांकि 10 साल में इनकी बैटरी बदलनी पड़ती है। इसकी
एक और अच्छाई है कि इसे एक जगह से दूसरे जगह पर शिफ्ट करना काफी आसान है। आपको
बता दें कि हमारा पड़ोसी चीन ने 2017 से 2020 के बीच नवीकरणीय बिजली उत्पादन में 2.5 ट्रिलियन युआन (यानी कि 367 बिलियन डॉलर) के निवेश की योजना बना रखी
है। वहीं भारत ने 20 गीगावाट
सोलर एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
भारत सौर ऊर्जा में बन रहा अव्वल
आपको यह जानने की जरूरत है कि भारत इस वर्ष 2500 मेगावाट की अतिरिक्त सौर ऊर्जा उत्पादन
क्षमता हासिल कर लेगा। ऐसे में हमारा देश अगले पांच साल में शीर्ष पांच सौर ऊर्जा
बाजारों में अपनी पहुंच कायम कर लेगा। राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत संस्थापन लक्ष्य
को 2022 तक 22 गीगावाट से बढा़कर 100 गीगावाट किया गया है। बिजली या अन्य
ऊर्जा के स्रोत के उत्पन्न होने के दौरान कुछ प्रदूषण जरूर होता है, पर सौर
ऊर्जा की उत्पत्ति के दौरान कोई प्रदूषण नहीं होता।
बिजली बिल का बोझ खत्म
धूप ऐसी चीज है जो भारत के अधिकतर हिस्से में मौजूद
है। यह 24 घंटे के कुल चक्र में आधे से ज्यादा समय तक उपलब्ध है। ऐसे में इसका
प्रयोग और संरक्षण आसानी से किया जा सकता है। वहीं इसके रखरखाव एवं मरम्मत को लेकर
भी आपको चिंता नहीं करनी पड़ती। इसके अलावा सौर ऊर्जा को बेचकर रोजगार को जन्म दे
सकते हैं, वहीं खुद
को भी आर्थिक तौर पर मजबूत कर सकते हैं। सौर ऊर्जा से यदि आपकी ऊर्जा जरूरतें पूरी
होंगी तो हर महीने आने वाले बिजली के भारी बिल से आपको राहत मिल जाएगी। सोलर ऊर्जा
का प्रयोग आप स्कूल, कॉलेज, दफ्तर के
साथ ही फैक्ट्री व उद्योगों के संचालन में भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि आप
अपने घर की छत पर सोलर सिस्टम लगाकर अपने बिजली बिल में 95 फीसदी तक की कमी ला सकते हैं। वहीं कम्युनिटी
रूफटॉप सोलर पीवी प्लांट से बिजली खरीदकर भी बिजली बिल में 35 फीसदी की कमी लाई जा सकती है। यह बचत
आपको 25 वर्षों में बिजली की तूलना करने पर स्पष्ट समझ आएगा।
बचत की गणित
यदि आपके घर की छत पर दो किलोवाट का सोलर पैनल लगा है, तो दिन के 10 घंटे धूप मिलने के बाद 10 यूनिट बिजली बनेगी। यानी महीने में 300 यूनिट बिजली बनेगी। अब आपको यह तो मालूम
ही है कि घरेलू बिजली कनेक्शन पर शुल्क और सरचार्ज के साथ राज्य सरकारों को आप
6.5 रुपये से 8 रुपये तक भुगतान करते हैं। ऐसे में 300 यूनिट सोलर
बिजली आपके बिजली बिल में 2,400 रुपये की कमी
लाएगी और सालाना 29,000 रुपये का
फायदा देगी। ऐसे में यह आपको आर्थिक समृद्ध बनाने के साथ ही पर्यावरण के हित में
भी है।
शहरों में भी कारगर
यदि हम मान लें कि आपको घर
900 वर्ग फीट के 2 बीएचके (दो कमरों का) है
और उसमें चार सदस्य रहते हैं। आप फ्रीज, वॉशिंग मशीन, हॉट-वॉटर गीजर, टीवी, दो एसी, पांच-छह लाइट और रसोई में 15 से 20 इलेक्ट्रिकल
अप्लायंस प्रयोग करते हैं। ऐसे में आप पाएंगे कि आप इन पर हर रोज 31.07 किलोवॉट
यूनिट बिजली खर्च करते हैं। यानी महीने में 932 यूनिट बिजली का प्रयोग कर रहे
होंगे। आपके यहां 200 से 6.500 रुपये तक का बिल आता है। ऐसे में सोलर ऊर्जासे इसमें
आप 95 प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं। पांच किलोवॉट का ऑन-ग्रिड छत पर लगाएंगे तो
यह 500 वर्ग फीट तक जगह घेरता है। 

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