एक लड़की की डायरी : थैंक्स गिविंग: मेरा दोस्त है शिशिर। अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया शहर में रहता है। कल उसका दोपहर को फ़ोन आया। शुरू में तो थोड़ी हैरानी हुई। दरअसल उस वक़्त व...
#aditya #adityadev #delhi #ncr #ghaziabad #love #pyar #ishq #muhabbad #up पतझड़ सा मैं बिखर जाऊंगा एक दिन सबसे जुदा हो जाउंगा पर मैं रहूंगा उनके आसपास सूखी गिरती बिखरी पत्तियों की तरह खाद , मिट्टी धूल बनकर लिपट जाऊंगा अपनों के कदमों से हवाओं पर बैठ चुमूंगा अपनों का माथा हथेलियों से लिपट एहसास को जियूंगा जब तूफान आएगा तो दूर परदेश में बसे अपनों से मिलूंगा और लिपटकर प्यार करूंगा बारिश के पानी में घुलकर घर में भी आउंगा नमी बनकर पर अपने हिस्से के रिश्तों से कभी जुदा नहीं होउंगा मैं पतझड़ से जरूर बिखरा हूं पर आस के साथ आसपास हमेशा ही रहूंगा।
@adityadev #adityadev नागों के राजा नागवासुकी का यह प्राचीन मंदिर प्रयागराज (इलाहाबाद) की पवित्र भूमि पर करीब 10वीं शताब्दी से आस्था का प्रतीक है। देश विदेश में ख्याति प्राप्त इस तीर्थ का बखान हमें पद्म पुराण के पाताल खंड व श्रीमद्भागवत कथा में भी मिलता है। मान्यता है कि यहां पर काल सर्पदोष की शांति का अनुष्ठान तुरंत फलित होता है। सतयुग में समुद्र मंथन के दौरान रस्सा बनकर इन्होंने सहनशीलता से देवताओं को ढेरों लाभ उपलब्ध कराए। सुमेरु पर्वत से रगड़ खाने से चोटिल भी हो गए थे। इसके बाद वह मंद्राचल चले गए। पर जलन कम नहीं हुई तो भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयाग स्थित सरस्वती नदी का पान कर आराम करने का उपाय सुझाया। इसके बाद प्रभु नागवासुकी जी को काफी आराम मिल गया। बचपन से युवा अवस्था तक एक घर और दूसरा नागवासुकी मंदिर अपना आवास रहा है। स्नान , आराम , पढ़ाई और पर्यटन जैसे अनेको प्रयोजनों में इसका प्रयोग हमने किया। बिजली चली जाए या पानी न आए । कोई फर्क नहीं पड़ता था। मंदिर परिसर और मां गंगा का तट हर समस्य...
अकेला हूँ , खामोश हूँ आज खुद से भी दूर हूं। एक अपने की तलाश में आवेश का शिकार हूं। क्रोध से अकाल हूं प्रेम का विकार हूं। अकेला हूं , खामोश हूं। आज मन का कंगाल हूं।। श्वेत पर लगा दाग हूं चमक धोता वैराग हूं। बुझता हुआ राख हूं सूखे जलज का पाक हूं। अकेला हूं , खामोश हूं। आज अपराध का उद्गम भाव हूं।। व्याकुलता का राज हूं अनकही कोई बात हूं। उलझी डोरियों की गांठ हूं कटीले पथ का आघात हूं। अकेला हूं , खामोश हूं। आज कठोरता का प्रहार हूं।। मैं कुंठा हूं , अवसाद हूं दुखों का सरताज हूं। सुख का शत्रु मैं अनंत कष्टों का प्रकार हूं। अकेला हूं , खामोश हूं। आज हर व्यक्ति का व्यवहार हूं।। --------------------***
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