शुद्ध जल से सेहतमंद बनाएं जीवन
जीवन में जल हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। जल, थल और वायु में फैले प्रदूषण के चलते वॉटर प्यूरीफायर आज हमारी प्राथमिकता बन चुका है। ऐसे में सबसे पहले तो हमें यह समझ लेना होगा कि पीने योग्य पानी में क्या-क्या होना चाहिए। वहीं प्यूरीफायर कौन सा लें जो हमारी सेहत और जरूरत के हिसाब से बेहतर हो। फिल्टर या प्यूरीफायर ऐसा होना चाहिए, जो आपके पेयजल को पूर्ण शुद्धता दे और आपको सेहतमंद रखे। वहीं पानी को बर्बाद होने से बचाए। ऐसे में यह जान लें कि आप जब भी अपने घर, दुकान, दफ्तर, रेस्टोरेंट व होटल के लिए वाटर प्यूरीफायर खरीदने जाएं तो कुछ मापदंडों को जरूर समझें। जैसे कौन से फिल्टर बेहतर हैं। इन्हें खरीदते वक्त हमें क्या-क्या देखना व समझना होता है। आपकी सेहत के लिए आरओ, यूवी और यूएफ तकनीक में सही कौन है। प्यूरीफायर वही लें जो जीरो प्रतिशत वॉटर वेस्टेज वाला हो। पानी में मौजूद मिनरल को बरकरार रखे और 99.9 प्रतिशत किटाणुओं को फिल्टर करे।
जरूरत
के साथ फीचर भी समझें
पानी की शुद्धता के तहत आरओ, यूवी, यूएफ व टीडीएस तकनीक का तो पूरा
ख्याल रखें। इसके अलावा इन बारीक चीजों का जानना भी जरूरी है। सबसे पहले तो आप जब
भी वॉटर प्यूरीफायर खरीदने जाएं तो सभी कंपनियों के फीचर को समझ लें। इनकी तूलना
के बाद ही पैसा लगाएं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कम ऑटोमेटिक फीचर वाले प्यूरीफायर
में खराबी के कम चांस होते हैं। वहीं छोटी-मोटी दिक्कतों को आप खुद ही ठीक कर
सकते हैं। इसके अलावा प्यूरीफायर कंपनियों के सर्विस को लेकर चिंता सताती है तो
खरीदारी से पहले इसे भी जरूर समझ लें। ऐसे में आप यह समझ लें कि वॉटर प्यूरीफायर
हमेंशा अच्छे ब्रांड का ही लें। ये भरोसेमंद और टिकाऊ होते हैं। इस दौरान कौन सी
कंपनी बेहतर वारंटी या गारंटी दे रही है, इसे भी जरूर समझ लें।
पांच स्तरों
से पानी की सफाई
1.
प्रथम चरण में सेंडीमेंट फिल्टर आता है जो पानी के ठोस कणों
को निकाल फेंकता है।
2.
दूसरे चरण में पानी एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर से गुजरता है, जहां अशुद्धि खत्म हो जाती है।
3.
तीसरे चरण के दौरान पानी आरओ मेंब्रेन से गुजरता है, जिसके बाद इसे आप पी सकते हैं।
4.
चौथे चरण में पानी यूवी फिल्टर से गुजरता है। इस दौरान जल
में मौजूद विषाणु व अन्य हानिकारक जिवाणु मर जाते हैं।
5.
पांचवे चरण के तहत पानी एल्कलाइन मिनरल कार्टिज से गुजरता
है।
कंपनियों
के दावों को समझें
·
साफ पानी को पीने योग्य बनाने के लिए
यूवी और यूएफ फिल्टर पर्याप्त है।
·
यूवी फिल्टर में मौजूद यूवी-रे पानी
में मौजूद हानिकारक विषाणु व वायरस को मार तो देता है पर वह मृत रूप में हमारे
शरीर में पहुंचकर ये हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
·
यूवी के साथ यूएफ होने से उसमें मौजूद
मृत बैक्टीरिया और वायरस साफ होकर बाहर निकल जाते हैं।
·
पानी से बदबू खत्म करने के लिए
कंपनियां एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर सुविधा भी प्रदान कर रही हैं।
·
प्यूरीफायर की बॉडी एबीएस प्लास्टिक
से बना होने के चलते काफी मजबूत और पारदर्शी भी होता है ताकि आप पानी की गुणवत्ता
को देख सकें।
·
कुछ कंपनियां प्लास्टिक के नुकसान और
उसमें जमा होने वाली गंदगी को ध्यान में रखते हुए अपने वॉटर प्यूरीफायर में आपको
स्टेनलेस स्टील टैंक मुहैया कराती हैं।
·
इस दौरान आप इस बात का जरूर ख्याल
रखिये कि क्या आप जिस प्यूरीफायर को खरीदने जा रहे हैं, उसे डब्ल्यूक्यूए और एनएसएफ जैसी विश्वस्तरीय प्रयोगशाला ने बेहतर
माना है।
·
आज बहुत सी कंपनियां पानी कम नुकसान हो
इसके लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। ये कंपनियां जल की महत्ता को
समझते हुए जीरो प्रतिशत वेस्टेज का दावा करती हैं।
·
कुछ प्यूरीफायर में सिल्वर कार्बन
फिल्टर भी है जो पानी में से ऑर्गेनिक अशुद्धता को दूर कर आपको पूर्ण स्वच्छ जल
देते हैं।
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आज वाटर प्यूरीफायर में पॉवर ऑन, पानी की
शुद्धता और टैंक भरने के लिए इंडिकेटर आ रहे हैं।
·
टेस्ट इन्हांसर के माध्यम से आप
पानी के स्वाद को समझ सकते हैं।
·
कुछ प्यूरीफायर ऐसे हैं जिनमें आरओ, यूएफ व टैंक
भी नहीं होते, बल्कि
यह सीधे नल के साथ जुड़कर आपको जग या बोतल में शुद्ध पानी देते हैं। ड्यूल कार्टिज, यूवी फिल्टर
का यहां इस्तेमाल होता है।
·
कुछ प्यूरीफायर में वोल्टेज स्टब्लिजायर
लगे हैं, जिसके
चलते यह कम वोल्टेज या वोल्टेज फ्लक्चुएशन में भी आपको एक मिनट में दो लीटर तक
पानी दे देते हैं।
·
आज कई वॉटर प्यूरीफायर ऐसे भी आ रहे
हैं जो 24 वॉट से कम में भी आपको शुद्ध जल दे रहे हैं। यानी बिजली बिल में भी राहत
दे रहे हैं।
·
प्यूरीफायर में लगे इंडिकेटर आपको यह
भी चेतावनी देते हैं कि कब आपको यूवी फिल्टर व कब कार्टिज बदलने होंगे।
·
वहीं आज कई प्यूरीफायर ऐसे भी आपको
मिल जाएंगे जो पानी के स्वाद, रंग, पीएच स्केल में बिना बदलाव किये बैक्टीरिया
व वायरस को मारकर आपको शुद्ध जल देते हैं।
·
प्रति मिनट ये वॉटर प्यूरीफायर आपको
एक लीटर पानी देते हैं, यानी कि एक घंटे में 60 लीटर शुद्ध जल आपको देंगे।
·
ये स्मार्ट प्यूरीफायर आपके फिल्टर
के खराब होते ही बिजली सप्लाई को कट कर देते हैं और आप अशुद्ध जल पीने से बच जाते
हैं।
जल एक जीवनदाता तत्व है। सेहत को बेहतर रखने के लिए शुद्ध जल की
जरूरत होती है। यह अशुद्धियों व जीवाणुओं से मुक्त होना चाहिए। पानी में रोगाणु, जहरीले
पदार्थ, अनावश्यक मात्रा में लवण हमारे शरीर को बीमार करते हैं। आपको मालूम
है कि दुनिया में 80 प्रतिशत से अधिक बीमारियों का कारण अशुद्ध जल है। हर घंटे
1000 बच्चों की मौत अतिसार से हो जाती है जो प्रदूषित पानी के कारण होता है।
शहरों की बढ़ती आबादी से पैदा गंदगी और कूड़ा और कल-कारखाने आज भूजल, नदी, तालाब
व अन्य जल श्रोतों को प्रदूषित कर चुके हैं। ऐसे में बिना प्यूरीफायर के जल
सीधे पीना घातक रोगों को दावत देने जैसा है। पानी में मौजूद विषाणु, जीवाणु, कृमि
व प्रोटोजोआ आपके शरीर को दर्जनों बीमारियों से कमजोर कर सकते हैं। इससे जान भी जा
सकती है। इसके अलावा ढेरों विषैले तत्व जैसे कैडमियम, लेड, मरकरी, निकिल, सिल्वर, लोहा, मैंगनीज, कैल्सीयम, बेरियम, कॉपर, सीलीयम, यूरेनियम, बोरान, नाइट्रेट, सल्फेट व आर्सेनिक
इत्यादि हमारे शरीर में पहुंचकर हमें मौत के करीब पहुंचा सकते हैं। ऐसे में
सतर्कता ही आपको खतरनाक बीमारियों से बचा सकती है। इससे बचने के लिए वॉटर प्यूरीफायर
लगाना सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।
साफ पानी के
लिए जरूरी बातें
·
वॉटर प्यूरीफायर खरीदने से पहले अपने
पानी की गुणवत्ता की जांच करा लें।
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पानी में रसायन मिले तो अल्ट्रा फिल्ट्रेशन
वॉटर प्यूरीफायर ही लें।
·
यदि सिर्फ पानी का स्वाद अच्छा न हो
तो अल्ट्रा वायलेट प्यूरीफायर पर्याप्त है।
·
यदि घर में गंदा या फिर खारा पानी आता
है अथवा आप अंडरग्राउंड वाटर प्रयोग करते हैं तो रिवर्स ओसमोसिस प्यूरीफायर
खरीदें।
·
अगर पानी खारा और गंदा दोनों हो तो आरओ
और यूवी युक्त प्यूरीफायर लाएं।
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सॉफ्ट पानी आपके घर आता हो तो यूवी प्यूरीफायर
पर्याप्त है।
·
नल का पानी यदि पीने योग्य लगे तो अल्ट्रा
फिल्ट्रेशन प्यूरीफायर से काम चल जाएगा।
आपको क्या
फायदा होगा
सबसे पहला फायदा तो आप भी जानते हैं कि इससे आपको बिल्कुल शुद्ध जल
पीने को मिलेगा और आप स्वस्थ रहेंगे। वॉटर प्यूरीफायर से पानी में मौजूद सभी
अशुद्धियां, कठोर
व नुकसानदेय धातु, रसायन और अन्य पदार्थ बिल्कुल साफ हो जाते हैं। यह पानी में फैले
वायरस और बैक्टीरिया को जड़ से खत्म करने में सक्षम है। वहीं आपके दिमाग व शरीर
के लिए खतरनाक आर्सेनिक व क्लोरीन जैसे हानिकारक पदार्थों का सफाया कर देते हैं।
आज हमारी सबसे बड़ी चिंता पानी का नुकसान और बिजली बिल की दिक्कत का ख्याल
कंपनियां रखने लगी हैं। कई कंपनियां जीरो प्रतिशत वॉटर वेस्टेज की गैरेंटी दे रही
हैं, वहीं
बिजली की कम खपत का भी ख्याल रख रही हैं। ऐसे में आप आरओ, यूवी, यूएफ और टीडीएस युक्त तकनीक वाले ही वॉटर प्यूरीफायर खरीदें और खुद को
स्वस्थ रखें। कई कंपनियां एल्कलाइन वॉटर वाले प्यूरीफायर बाजार में लाई हैं।
आपको बता दें कि एल्कलाइन वॉटर का पीएच लेवल काफी अधिक होता है। इसमें मिनरल्स
और ओआरपी (निगेटिव ऑक्सिडेशन रिडक्शन पोटेंशियल) पाया जाता है, जो सेहत के
लिए लाभदायक होता है। इसकी एजिंग प्रक्रिया कैंसर से बचाव में भी सहयोग करता है।
यह पेट का एसिड कम करने में भी मदद करता है। यह आपको हाइड्रेड रखने के साथ ही आपके
वजन का ख्याल रखता है। आपके हार्ट को स्वस्थ रखने में भी मददगार है। वहीं पीएच
लेवल को बैलेंस करने के साथ ही आपके शरीर को डिटॉक्स रखता है।
पानी
को सिर्फ उबालना काफी नहीं
पानी को शुद्ध करने के लिए
उबालना काफी नहीं है। पानी उबालने से बैक्टीरिया और वायरस से तो राहत मिल जाएगी, लेकिन आप इसमें मौजूद क्लोन
सामग्री, गंदगी, कार्बनिक व अकार्बनिक
अशुद्धियों को दूर नहीं कर पाएंगे। वहीं रोगाणु युक्त सूक्षम जीवों को प्रभावी
ढंग से मारने के लिए पानी को कम से कम 20 मिनट तक उबालना पड़ता है। वहीं आपको यह
भी ज्ञात होना चाहिए कि पानी को ठंडा करने के लिए कंटेनर में जब रखते हैं तो इसमें
कुछ बैक्टीरिया के संक्रमण का प्रभाव आ ही जाता है।
टीडीएस है जटिल समस्या
पानी
में घुले तत्व यानी उनके घनत्व को टीडीएस (टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड्स) कहते हैं।
इसमें लवण, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, कार्बोनेट्स
व क्लोराइड्स इत्यादि तत्व आते हैं। पेयजल को मापने के लिए टीडीएस पीए व
हार्डनेस लेवल को देखा जाता है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के अनुसार, मानव
शरीर अधिकतम 500 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियम ) टीडीएस तक सह सकता है। चिकित्सकों
का कहना है कि 200 टीडीएस तक वाले पानी का प्रयोग किया जा सकता है। इससे अधिक हो
तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक होगा। टीडीएस मीटर से आप भी अपने घर में पानी की
स्थिति को आसानी से चेक कर सकते हैं।
सेहत
का रखें ख्याल
यह तो हम सबको मालूम है कि हम भोजन के बिना कुछ दिन जरूर स्वस्थ रह सकते हैं पर पानी के बिना एक दिन भी जीना दूभर हो जाता है। शरीर का 75 प्रतिशत भाग जल से ही बना है। हमारे शरीर में खनीज पदार्थ भी तरल माध्यम से ही चारों तरफ संचारित होते हैं। जल हमारे शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों को भी बाहर निकालने का काम करता है, वहीं बॉडी के तापमान व क्रियाओं को भी संतुलित करने का काम करता है। अब ऐसे में यह जीवनदायी पानी हानिकारक तत्वों के साथ हमारे शरीर में प्रवेश हो तो हमें क्षति ही पहुंचाएगा। इसलिए पानी का शुद्ध होना हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी है।
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वॉटर प्यूरीफायर पेयजल में मौजूद हानिकारक रसायन, तत्व, गंदगी, वायरस इत्यादि को नष्ट करने का काम करता है।
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यह पानी को फिल्ट्रेशन, डिस्टीलेशन व सेडीमेंटेशन प्रक्रिया से साफ करता है।
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पानी में कैल्शियम, मैग्नीशियम व लवण इत्यादि को यह साफ कर देता है।
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पानी का टीडीएस यदि 300 एमजी/ लीटर से कम है तो प्यूरीफायरकी जरूरत नहीं है।
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प्यूरीफायरसे कम से कम 50 एमजी/ लीटर टीडीएस पानी निकले, इसका ख्याल रखा जाता है।
- ·
सामान्य मरीजों के लिए टीडीएस 100 तक
है तो वह ठीक है, वहीं
किडनी के मरीजों के लिए 50 से 100 के बीच टीडीएस होना चाहिए।
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प्यूरीफायर पानी को शुद्ध करके उसे स्वादिष्ट बनाने का भी काम करते हैं।
- · वॉटर प्यूरीफायर ईको फ्रेंडली भी होते हैं, जिसके चलते ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
बेहतर
प्यूरीफायर दे शुद्धता की गैंरेंटी
·
आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) :
इसके तहत पानी प्रेशर से शुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत पानी में मौजूद
पार्टिकल्स, मेटल और अन्य अशुद्धियां खत्म की जाती हैं। यह उन क्षेत्रों के
लिए बेहतर है, जहां का पानी खारा हो। यानी कि पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्व्ड
सॉल्ट) मौजूद हो। यह पानी मैं मौजूद बैक्टीरिया, वायरस को तो
ब्लॉक करता ही है, साथ ही क्लोरीन व आर्सेनिक जैसी अशुद्धियों का भी खात्मा करता
है। हालांकि इसमें ज्यादा बिजली की खपत होती है और 30 से 40 फीसदी पानी रिजेक्ट
सिस्टम के जरिये वेस्ट हो जाता है। इसका इस्तेमाल आप चाहें तो घर की जरूरतों और
बगीचे में कर सकते हैं।
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यूवी (अल्ट्रा वॉयलट) : इस
तकनीक से पानी में मौजूद बैक्टीरिया व वायरस नष्ट हो जाते हैं। वहीं पानी में
मौजूद क्लोरीन और आर्सेनिक भी दूर हो जाते हैं। जिन इलाकों में पानी मीठा हो और
सिर्फ बैक्टीरिया का डर हो तो वहां इसका प्रयोग किया जा सकता है। पहाड़ी और कम
प्रदूषण वाले क्षेत्रों के लिए यह बेहतर है। यह मेंब्रेन व लेयर माध्यम से पानी
में घुली अशुद्धियां साफ करता है। यह बैक्टीरिया व वायरस को पानी से बाहर नहीं
करता, बल्कि उन्हें मार देता है।
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यूएफ (अल्ट्रा फिल्ट्रेशन) : फिजिकल
तकनीक पर आधारित यूएफ प्योरिफिकेशन सिस्टम लेयर माध्यम से जल को स्वच्छ करता
है। इसमें बिजली की जरूरत नहीं होती। यह बैक्टीरिया और वायरस को मारकर बाहर कर
देता है। यह वॉटर प्रेशर पर काम करते हुए पानी में घुली अशुद्धि को भी साफ करता
है। पानी यदि हार्ड हो और क्लोरीन व आर्सेनिक अधिक मात्रा में घुले हों तो इसका
फायदा नहीं मिलेगा।
कौन है बेहतर
आए दिन वाटर प्योरिफायर्स में अनेकों ब्रांड और फीचर्स लॉन्च हो
रहे हैं। ऐसे में आपके अंदर दुविधा का जन्म होना लाजमी है कि किसकों खरीदें। इस
दशा में सबसे पहले तो आप अपने क्षेत्र, सप्लाई वॉटर
और पॉल्यूशन की स्थिति को समझ लें। इसके आधार पर ही प्यूरीफायर की खरीदारी करें।
वही प्यूरीफायर आपके लिए बेहतर होगा, जिसमें आरओ, यूवी, यूएफ
तीनों तकनीक मौजूद हो। आपको यह ज्ञात होगा कि मिनरल्स हमारे शरीर के लिए कितने
जरूरी हैं। ऐसे में बाजार में मौजूद टीडीएस (टोटल डिसॉल्व्ड सॉल्ट) कंट्रोलर
तकनीक से लैस प्यूरीफायर आपके शरीर और स्वास्थ का ख्याल रखते हुए पानी को
शुद्ध करता है।
साफ पानी के गणित को समझें
आप यह तो सूने ही होंगे कि बीमारियों को भगाना है तो पानी जमकर पिएं।
यह पानी आपको हाइड्रेड, स्वस्थ व ऊर्जावान बनाए रखता है। लेकिन इस पानी में यदि कुछ
नुकसानदेह तत्व मिले हों तो यह आपको बीमार कर सकता है। आपके नल में आने वाला पानी
दैनिक प्रयोग के लिए तो ठीक है पर पीने के लिए उपयोगी मानना उचित नहीं है। अभी हाल
में एक शोध में यह पाया गया है कि टैप वॉटर में प्लास्टिक के कुछ तत्व मिले हैं।
वहीं यह एल्यूमिनियम और पेस्टीसाइड से भरा होता है। ऐसे में इसे फिल्टर करके ही
पिएं। मिनरल वॉटर के नाम से आप समझ गए होंगे कि इसमें सल्फर, मैग्नीशियम
व कैल्शियम जैसे तत्व होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। यह स्वाद
में बेहतर होने के साथ ही पाचनयुक्त भी होता है। ऐसे आपको बता दें कि स्प्रिंग या
ग्लेशियर वाटर हमारी सेहत के लिए सबसे बेहतर होता है। हालांकि कच्चा व बेस्वाद
होने के चलते कई बार इससे लोग बीमार भी पड़ जाते हैं। वहीं कार्बन डाइऑक्साइड से
युक्त स्पार्कलिंग वॉटर में मिनरल तो होते हैं पर स्वास्थवर्धक इसे नहीं माना
जाता। डिस्टिल्ड वॉटर भाप से बनाया जाता है। इसे आप खुद उबालकर बना सकते हैं।
इसमें विटामिन्स और मिनरल्स नहीं होते। टैप या भूजल को शुद्ध कर प्योरिफाइड
वॉटर प्राप्त होता है, जो सेहतमंद है। फ्लेवरया इंफ्यूज वॉटर में मिठास मिलाई जाती है।
इसमें मिला स्वीटनर मोटापा बढ़ाने का भी काम करता है। वेल वॉटर सबसे गंदा पानी
होता है। इसमें मौजूद पैरासाइट्स संक्रमण को बढ़ाते हैं।
क्या आपको पता है
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शुद्ध पानी के चक्कर
में एक शहर में 10 लाख से अधिक लोग प्रति दिन 90 लाख लीटर जल नाली में बहा देते
हैं।
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कई प्यूरीफायर प्रयोग के पानी का तीन
गुना जल बर्बाद कर देते हैं। यानी 10 लीटर के लिए 30 लीटर पानी खराब कर देते हैं।
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शहरों में मौजूद आरओ प्लांट में भी
चार लीटर जल में से तीन लीटर पानी वेस्ट किया जाता है। यानी सैकड़ों लीटर पानी
यहां नष्ट हो रहा है।
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40 लीटर शुद्ध जल एक घर में खाना पकाने
व पीने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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आरो द्वारा निकले पानी को बर्तन व
कपड़ा धोने में, पेड़-पौधें में डालने के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।
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आरओ से पानी साफ होने की प्रक्रिया के दौरान जीवन वर्धक 80 फीसदी जल बर्बाद हो जाता है। इसे आप समझदारी से अन्य प्रयोग में ले सकते हैं।
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वर्तमान में पानी कम बर्बाद हो इसके लिए आरओ कंपनियां प्रयास कर रही हैं, लेकिन इसके लिए आपको भी सतर्क
और समझदार बनने की जरूरत है।
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पानी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक, आर्सेनिक, कीटनाशक आदि को प्यूरीफायरसाफ करने में सक्षम हैं।
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पानी को उबालने से बैक्टीरिया व वायरस सब मर जाते हैं पर उसमें मौजूद हैवी मेटल्स सिर्फ प्यूरीफायरसे ही निकल सकते हैं।
- · हर क्षेत्र में पानी का अलग-अलग किस्म होता है और इसमें 140 प्रकार के मिनरल होते हैं।
- · हमारे देश में करीब 17 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें साफ पानी पीने को नहीं मिलता है।

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