इश्क का आशियाना बना दिया



मैंने सबको चुना, उसने मुझको चुना 
रिश्ते से प्यार मैंने तो उसने प्यार से रिश्ता इश्क  बनके बुना।। 
मैंने चाहत की चाहत में जीना सीखा
उसने प्यार के पथ पर प्रेम का हमसफर देखा।। 
मैंने दुनिया से प्यार खोजा पाया 
उसने प्यार को ही मेरी दुनिया में भरा।।
मैं अकेला रहा, तन्हा भटकता फिरा 
वो आई और मेरे पास ही


इश्क का आशियाना बना दिया।। 

आपके बेइंतहां प्यार के लिए दिल से इश्क  का बाजार भेजता हूं 
फूल, गुलदस्ता, झूला और रोशनी से रोशन दिल भेजता हूं।। 

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