वक्त, व्यवहार, वादा और ये वर
तेरा हूं मैं ताउम्र भर।
साथ मेरा, स्नेह
और समर्पण
प्रेम मेरा है तेरे संग जीवन भर।।
कर्म मेरा, धर्म, धैर्य और धीरज
तुझ संग बीते हर वक्त पल-पल।।
प्यार मेरा यदि कुआं था तो मैं हर रोज बदलूं और तालाब, नदी से गुजरते इश्क का सागर बन जाउं। यदि
खारापन हो आज तो कल को खरा, स्वादिष्ट अमृत सा मधुशाला बन जाउं। आज जैसे कल
न मिलूं पर आने वाले वक्त की सुंदरता का सौंदर्यशास्त्र बन जाउं। तेरी मुस्कान बन
जाउं। तेरा मान, सम्मान तेरा गुरूर बन जाउं। तेरी आंखों की चमक और तेरे लबों पर बीखरी
मुस्कान बन जाउं। बस मैं तेरा रहूं और तेरे प्रेम में रांझा बन जाउं।
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