सिचुएशनल स्ट्रेनस से जीवन की रक्षा
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| ADITYA DEV |
काम के
बढ़ते दबाव या दोस्त, साथी, सहकर्मी से मतभेद को लेकर जो
तनाव जन्म लेता है उसे सिचुएशनल स्ट्रेस कहते हैं। यह अवसाद आपको आमतौर पर तब
प्रभावित करता है जब आपका किसी से मतभेद हो जाता है। या फिर आपके समूह, सोसाइटी या दफ्तर में आपकी छवि खराब की जाने लगी हो।
आपकी प्रतिष्ठा में कमी आने के चलते तनाव आप पर हावी होने लगता है। ऐसे में आपका
हर काम बिगड़ने लगता है और आप अवसाद से ग्रस्त हो कुंठा के गर्त में चले जाते
हैं।
सिचुएशनल स्ट्रेस के बारे में बात करें तो
आज हालात ऐसे हैं कि इस अवसाद से हर तीसरा व्यक्ति प्रभावित है। ऐसे में इसको इग्नोर
करने का मतलब है अपने जीवन से खेलना। यह पद से बर्खास्त होने या फिर टीम वर्क के
दौरान कोई बड़ी गलती सामने आने से भी आपको प्रभावित कर देता है। सिचुएशनल स्ट्रेस
पर यदि विजय पाना हो तो थोड़ी समझदारी,
योग, मेडिटेशन,
और स्ट्रेसकॉम का सहयोग कारगर साबित होगा। स्ट्रेसकॉम हर तनाव, कुंठा और अवसाद को मात देने में माहिर है।
ये लक्षण हैं इसकी पहचान
- - आप अनिद्रा के शिकार हो जाएंगे
- - भूख कम लगने लगेगी
- - पाचन क्रिया प्रभावित हो जाएगी
- - ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं
- - आप थकने लगेंगे
- - दिल की धड़कने तेज चलने लगेंगी
- - मन उदास रहने लगेगा
- - सांसे तेज हो जाएंगी
- - चिड़चिड़ापन और गुस्सा व्यवहार का हिस्सा बन जाएंगे
- - हर किसी पर संदेह करने लगेंगे
- - परीक्षा हो या दफ्तर असफलता का डर सताने लगेगा
ऐसे बच
सकते हैं आप
दिनचर्या का रखे ख्याल : सिचुएशनल स्ट्रेस हो या अन्य कोई भी तनाव। इसको मात देने के लिए दिनचर्या का बेहतर होना काफी जरूरी
है। अच्छी लाइफ स्टाइल भी सफलता के लिए आपका साथ देती है। समय पर सोना और जगना
काफी जरूरी है। अच्छा और वक्त पर भोजन कारना चाहिए। सुबह योग और व्यायाम को
जरूरी काम मानकर करें। कठिन से कठिन परिस्थिति में सकारात्मकता बनाएं रखें। इन सब
में स्ट्रेसकॉम भी आपको काफी सहयोग देता है।
टाइम
मैनेजमेंट : दिनभर के काम को प्राथमिकता के आधार पर तय करें और उन्हें क्रमबद्ध
तरीके से निपटाएं। कोई काम पेंडिंग न रहे, इसका ख्याल रखें।
जरूरी काम को किसी भी कीमत पर न टालें। क्योंकि अक्सर यही विवाद का कारण बनते
हैं। वहीं काम और जीवन के तालमेल को सही से बैठाएं। फन और एडवेंचर के लिए वक्त
जरूर निकालें। जो काम फोन, वीडियो कॉलिंग, इमेल आदि से पूरा कर सकते हैं, उन्हें इन्हीं
माध्यमों से करें और खुद के लिए वक्त निकालें। क्योंकि आप जो वक्त अपने और
अपनों के लिए निकालेंगे, वहीं आपको दिमागी तौर पर मजबूत
रखेगा।
साथ
रहें और साथ निभाएं : ऑफिस हो या घर, अपने साथी या परिजनों के साथ अच्छे से पेश
आएं। अपने खुशी और गम को उनके साथ शेयर करें। उनके लिए वक्त निकाल आउटिंग का प्लान
तैयार करें। इससे कभी खराब सिचुएशन नहीं बनेगी। कलिग, संबंधि
या परिवार के सदस्य सबके साथ हर कदम पर खड़े रहें। इससे आपका आत्मविश्वास
बढ़ेगा और आप अच्छा महसूस करेंगे। दोस्तों से मिलते रहें या कम से कम फोन पर बात
जरूर करते रहें। इससे आपका तनाव काफी कम होगा। एक बात हमेंशा याद रखें कि तनाव से
मुक्ति के लिए कभी भी नशे का सहारा न लें। क्योंकि नशा आपको ही नहीं आपके अपनों
को भी प्रभावित करता है। ऐसे में स्ट्रेसकॉम आपका अच्छा साथी साबित हो सकता है।
आप चिकित्सक की सलाह पर स्ट्रेसकॉम का सेवन कर जीवन को तनावमुक्त कर सकते हैं।
ये आजमा सकते हैं : सिचुएशनल
स्ट्रेस हो या कोई भी तनाव व अवसाद। इसको मात देने के लिए केले का सेवन कर सकते हैं। यह काफी पौष्टिक और तनाव को
भगाने में कारगर है। तनाव के कारण अक्सर आपका मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है। इससे
आपके शरीर में पोटेशियम का स्तर गिरने लगता है। बता दें कि पोटेशियम एक मिनरल है
और यह आपके हार्टबीट को सामान्य रखता है। शरीर में पानी का बैलेंस बनाए रखता है।
ऐसे में हाई पोटेशियम युक्त पदार्थ का सेवन करें। अपनी हॉबी जैसे – क्रिकेट या
कोई भी खेल, नृत्य, संगीत,
पेंटिंग, पर्यटन आदि को जीवन का हिस्सा बना लें। ये हर तनाव
की कारगर दवा हैं। वहीं गहरी नींद लेने में कोई कोताही न करें।

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