कहीं तनाव से तो नहीं आपका तन हो रहा बेदम
तनाव से तन और मन हो रहे बीमार
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तनाव कोई भी हो, किसी भी प्रकार का हो, यह सिर्फ आपको बीमार ही
कर सकता है। आपकी सेहत और कार्य झमता को गिराता है। ऐसे में इन परिस्थितियों से
समझदारी से निपटने की जरूरत है। हालांकि तनाव सिर्फ परेशानी ही नहीं सामने रखता, बल्कि यह आपकी दृढ़ता और कार्य झमता में इजाफा
भी करता है। इससे आपके अंदर का जुझारूपन बढ़ता है। आप सामर्थ्यवान बनते हैं, पर इसमें
आपकी सतर्कता ही सार्थक रूप में सहयोग कर सकती है। बस ध्यान रखें कि तनाव का असर
ज्यादा वक्त तक आप पर हावी न रहे। दूनियाभर
का स्ट्रेस यानी तनाव लेने का मतलब है कि अपने सोचने और समझने की झमता को कमजोर
कर देना। ऐसे में समझदारी और दूरदर्शिता को बनाए रखें और दृढ़ता से अपने समय और
काम को मैनेज करें। इससे आपके जीवन में काफी सुधार होगा और तनाव को भूलकर खुश रहना
सीख जाएंगे।
वक्त के पाबंद बनें : टाइम स्ट्रेस पर
काबू पाने के लिए सबसे पहले तो आप समय के पाबंद बनें। अपने काम को वक्त से पहले
पूरा करने पर फोकस करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप
वक्त पर भोजन और जगना-सोना निश्चित करें। समय को अपनी सुविधा के अनुसार चलाने से
बेहतर है कि वक्त पर हर काम को खत्म करें। काम को महत्ता के आधार पर रख सबसे
पहले महत्वपूर्ण काम को खत्म करें। किसी काम को सिर्फ खत्म करने पर फोकस न करें, बल्कि अच्छा और
आकर्षक बनाने पर ध्यान दें। काम को पहले खत्म कर उसे चेक जरूर करें।
अपनों को समय दें : परिवार के साथ समय
बिताने से मन काफी हल्का रहता है। माता-पिता के साथ सुबह और शाम जरूर बैठें और
बात करें। इससे आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। इससे परिवारिक रिश्ते तो मजबूत होंगे ही साथ ही आपके
अंदर की नकारात्मकता दूर होगी। आप वक्त पर काम करना सीख जाएंगे। आप चाहें तो
परिवार से अपनी दिक्कत शेयर कर सकते हैं। इससे आपको राहत महसूस होगी।
काम की टाइमिंग है महत्वपूर्ण : काम पर तो आप निश्चित ही फोकस करते हैं। इसके साथ ही मेहनत भी काफी
करते हैं, पर वक्त से पहले काम खत्म हो इसका ख्याल रखें। अपने काम को खुद से
दो या दो अधिक बार चेक करें। इसके अलावा अपने सहयोगी या सीनियर से इसे चेक करा लें। इसके बाद ही बॉस
को दिखाएं। क्योंकि ऐसा करने से आप उस चीज में काफी सुधार कर चुके होंगे। ऐसे में
बॉस से सिर्फ शाबाशी ही मिलेगी। इससे आपके अंदर नियमितता आएगी। ऐसे में यदि आपको
कभी काम या प्रोजेक्ट जमा करने में देर हो जाती है तो भी आपका बॉस नाराज नहीं होगा।
मीटिंग में वक्त से पहले और पूरी तैयारी के साथ पहुंचें। डेडलाइन पर या बाद में
काम पूरा करने की आदत को खत्म कर, सबसे पहले के सिद्धांत को फॉलो
करें।
इसका ख्याल रखें : सबसे पहले तो अपनी
सेलरी और खर्च को बैलेंस करें। क्रेडिट कार्ड से खरीदारी या लोन से जितना बच सकते
हैं बचें। अपनी जरूरतों को नियंत्रित करें। इसके अलावा आप बचत और इनकम पर ध्यान
दें। आपका बचत आपके अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाता है। बचत के कारण ईएमआई और लोन
का सिर दर्द आपको तंग नहीं करता। यह भी टाइम स्ट्रेस का मुख्य कारण है।
तैयारी पहले से रखें : बोर्ड इग्जाम हो या
फिर कोई प्रतियोगी परीक्षा, आप इसकी तैयारी पहले से कर लें। पढ़ाई के मैनेजमेंट में वक्त को
प्रमुख्ता दें। क्योंकि समय से पहले यदि आप अपनी पढ़ाई कर लेते हैं तो आपको
रिविजन का वक्त मिल जाता है। इससे आपको टाइम स्ट्रेस से परेशान नहीं होना पड़ता।
माताएं अपने बच्चों और पति को लेकर काफी चिंतित रहती हैं। समय पर हर काम करने को
लेकर वो टाइम स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें पढ़ाई की शुरुआत से
ही बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। बच्चे और पति की टाइमिंग को अपने व्यवहार
का हिस्सा बना लें। यह काफी कठिन जॉब है, पर बेहतर टाइम मैनेजमेंट से इस पर काबू पाया जा सकता है।
एक्स्ट्रा एक्टिविटिज भी करें : योग, व्यायाम, जॉगिंग को अपने जीवन का हिस्सा बना लें। इसके अलावा साइकिलिंग या स्वीमिंग
को भी दिनचर्या में आजमा सकते हैं। यदि कोई हॉबी हो आपकी जैसे पेंटिंग या डांसिंग
तो इसे भी शौक के रूप में आजमा टाइम स्ट्रेस से छुटकारा पा सकते हैं। कोई खेल
पसंद हो तो उस पर भी ध्यान दे सकते हैं।
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