मैंने रिश्ते का वो रंग भी देखा था, जिसमे मेरा सम्मान, उसका अभिमान होता था... मैंने उनके उन तेवरों को भी देखा था ,, जिसमे मेरा अपमान, उनका गुमान होता था .... मैंने रूठने मनाने का वो दौर भी देखा था , जिसमे मेरी आँखे नम, तो उनकी आँखों को बरसते पाया था ..... मैंने खुशियों का वो माहौल भी देखा था, जिसमे वो मुझमे, तो मैंने उनकी मुस्कुराहट को अपना बनाया था.... मैंने अपने दर्द पर उन्हें कराहते भी देखा था, जिसमे wओ मेरी लबो को चुप करा, खुद मरने की बाते करते थे .... मैंने अपने ऊपर उठती अंगुलियों को उन्हें मरोड़ते भी देखा था, जिसमे वो सामने वाले को समझा, मेरी शान की इबादत लिखा करते थे... मैंने उन्हें मेरे मरने की दुआ करते भी देखा था, जिनमे वो मुझे वो कठपुतली समझ नेश्तानाबूत करने की बात कहते थे ... मैंने फिर भी अपने प्यार को जिन्दा रखा है , जिससे लोगो को यह न कहना पड़े की हमारा प्यार झूठा था ...... ००००००००००००००००००० छड छड तुझे पाने की दुआ करते है .... कड कड क्या हर जर्रे से तेरे मिलाप की इल्तजा करते है .....