प्यार गुनाह होता है

कभी मालूम ही न चला कि प्यार गुनाह होता है
बचपन से सभी अपने ने मुहब्बत का पाठ पढ़ाया
धर्म हो, या देश दुनिया के रिश्तों की बात
हर जगह सबने यही सिखाया
कर बैठा गुनाह तो सबने तिरछी नजरों से सिखाया
प्रेम, सौहार्द, स्नेह, ममता, इश्क, कविताओं और कहावतों की बाते हैं
कर लिये तो मर जाओंगे, नहीं तो मारे जाओगे,
अब समझ नहीं आता कि किस ओर जाऊं
आगे एक काली राज है, तो पिछे तेजाब सी जलन
बहुत खामोश सी हो गई है अब जिन्दगी
कभी मालूम ही नहीं चला कि प्यार गुनाह होता है।

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