जले पर नमक न छिड़कें
यौन उत्पीड़न के बढ़ते अपराधों का शिकार हो रही भारत की मां-बहनों और बह्ू-बेटियों के आंसू पोंछने की बजाय धर्म और मव्वाली संस्कृति के तथाकथित ठेकेदार इन दिनों ऊल-जलूल बातें करके उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहें हैं।
छतीसगढ़ में भाजपा सरकार के गृह मंत्री नानकी राम कंवर ने गैर-जिम्मेदाराना सार्वजनिक बयानबाजी की सारी हदें लांघ ली हैं। उन्होंने कहा कि बुरे ग्रहों के चलते महिलाओं से बलात्कार किए जा रहे हैं। इंटरनेट और उन्नत टक्नोलॉजी के इस जमाने में राज्य का गृह मंत्री अगर इस तरह की छिछोरी बात करे तो उसकी मतिभ्रष्टता पर तरस आता है। और उस पार्टी पर भी गुस्सा हुए बिना नहीं रहा जा सकता, जो ऐसे गैर-जिम्म्दाराना नेता को गृह मंत्री जैसे पद पर विराजमान किए हुए हैं। सोमवार को छत्तीसगढ़ में एक अध्यापक द्वारा वाचमैन के साथ मिलकर प्री-मैट्रिक की 11 कबायली छात्रों के साथ लंबे समय से दुष्कर्म किए जाने का मामला उजागर हुआ था। एक ओर जहां पूरा देश इस घिनौने अपराध से शर्मसार हुआ जा रहा था, वहीं राज्य के गृह मंत्री नानकी राम कंवर पत्रकारों से बातचीत में छात्रों से बलात्कार के इन मामलों के लिए प्रतिकूल ग्रहों का हवाला देकर खुद ही उपहास का पात्र बने हुए थे। मुख्य मंत्री रमण सिंह भी अपने गृह मंत्री की इस बचकाना बयान से आहत थे। भाजपा में नानकी राम ही नहीं और भी कई ऐसे नेता हैं जो गाहे-बगाहे यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के जले पर नमक छिड़क चुके हैं। इससे पहले एक भाजपा नेता महिलाओं को लक्ष्मण रेखा न पार करने की नसीहत दे चुके हैं, जबकि राजस्थान के एक विधायक छात्राओं के स्कर्ट को सेक्सी बताकर इनके पहनने पर ऐतराज जता चुके हैं। महिलाओं को अत्याधुनिक (कथित भड़काऊ ) परिधान न पहनना और क्लबों मे न जाने की नसीहत धर्म और संस्कृति के ठेकेदार कई बार दे चुके हैं। कर्नाटक में भाजपा से जुड़ा एक संगठन महिलाओं को बार-बार नैतिकता का पाठ भी पढ़ा चुका है। यहां तक कि यह संगठन कुछ समय पूर्व मंगलौर में युवतियों को बार से उनके बाल खींच-खींचकर बाहर भी निकाल चुका है। देश में महिलाओं के प्रति इस तालिबानी मानसिकता की जितनी भर्त्सना की जाए, उतनी ही कम है।
भाजपा में दूसरी पंक्ति के नेता ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख खुद कह चुके हैं कि भारत में महिलाओं को चुल्हा-चौका संभालने की सामाजिक रिवायत है और उन्हें ऐसा ही करना चाहिए। सोमवार को विवादास्पद धार्मिक नेता आसाराम बापू ने दिल्ली सामूहिक बलात्कार की शिकार छात्रा पर बेहद अशोभनीय टिप्पणी करके फिर यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं के जख्मों को हरा कर दिया, हालांकि उन्हें महिला संगठनों ने खरी-खोटी भी सुनाई है। आसाराम बापू समेत सभी महिला विरोधी नेताओं को यह बताने की जरूरत नहीं है कि देश में किसी भी नागरिक, पुरुष हो अथवा स्त्री के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने की छूट नहीं है। आरएसएस प्रमुख देश के सम्मानीय सामाजिक नेता है और इस संगठन की आपातकाल के दौरान की सामाजिक सेवाओं की सराहना की जाती रही है। तथापि उन्हें यह स्मरण कराने की जरूरत है कि अगर महिलाएं चुल्हा-चौका ही संभालती तो देश को न तो झांसी की रानी मिलती और न ही भाजपा को सुषमा स्वराज। पूरा राष्ट्र इस समय अपनी बहू-बेटियों के मान-सम्मान की रक्षा करने का संकल्प किए हुए हैं। देश अपने हर बड़े-छोटे नेता, संस्था और सामाजिक संगठन से भी इस संकल्प को निभाने की आशा रखता है।
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