वाहनों के हेडलाइट की तीव्र रोशनी बनी राह का रोड़ा




युवाओं के बीच अपनी गाड़ी की हेडलाइट के तौर पर तीव्र प्रकाश का चलन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में वह इस बात को नजरअंदाज करते जा रहे हैं कि यह इंसानों के लिए कितना घातक है। आपको जानकर हैरत हो‍गी कि जितने देर में आप ऑफिस पहुंचते हैं यानी हर एक घंटे में 17 लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय इस समस्‍या को लेकर लगातार काम कर रहा है, लेकिन इस पर लगाम कसने के लिए आम जनता का जागरूक होना भी बहुत जरूरी है। साथ ही, हेड लाइट के तौर पर तीव्र प्रकाश का प्रयोग बंद करना होगा। वहीं लाइट को डीपर पर ही रखकर हाईवे पर चलना चाहिए।
     आप यह जानकर सहम जाएंगे कि 2016 में 1,50,785 लोगों की जान सड़क हादसे में गई, जबकि पांच लाख लोग जख्‍मी हुए। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, हमारे देश में हर रोज 1317 सड़क हादसे होते हैं और इनमें 413 लोगों की जान चली जाती है। सबसे दुखद बात यह है कि मरने वालों में 46 प्रतिशत युवा होते हैं, जिनकी उम्र 18 से 35 के बीच होती है। कई शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि इन हादसों के पीछे हेडलाइट का तीव्र प्रकाश खतरनाक रोल अदा कर रहा है। ऐसे में अब इसको लेकर हर किसी को सचेत होने की जरूरत है। इन हादसों में 35 फीसदी लोग दो पहिया वाहन चालक होते हैं। क्‍योंकि तीब्र रोशनी की चपेट में सबसे अधिक यही आते हैं। इसके अलावा दूसरा कारण हेलमेट नहीं पहनने की समझ सामने आई है। युवा इसे अपनाने में आज भी कतराते हैं, जिसका खामियाजा उन्‍हें अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ता है। दुर्घटनाओं में 2018 के दौरान काफी वृद्धि दर्ज की गई। इस साल 4,67,044 हादसे हुए। पूरे देश में सबसे अधिक हादसे तमिलनाडु (63,920) में हुए। सड़क हादसे से मौत के आंकड़ों में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। 2018 में देश में सड़क हादसों के दौरान 1,51,417 लोगों को जान गवानी पड़ी।

समझदारी से बच सकती है जान
यदि आप वाहन चलाते हैं तो यातायात नियमों का पूर्ण पालन करें। हेलमेट और सीटबेल्‍ट का जरूर प्रयोग करें। इसके अलावा बीमा जरूर कराएं, क्‍योंकि यह सबसे आवश्‍यक काम है। आपके लिए भी और आपके परिजनों के हित के लिए भी बीमा उचित है। आपको जानकर अच्‍छा लगेगा कि केंद्र सरकार के वर्तमान में यातायात के कड़े नियमों के चलते मौते में लगातार जो इजाफा जारी था उसमें इस साल सीधे 10 प्रतिशत की कमी आई है। नए मोटर वाहन कानून के कारण सड़क हादसों में तेजी से कमी देखने को मिली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने राज्‍यसभा में बताया था कि कानून के लागू होने के बाद सितंबर और अक्‍टूबर में चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटना में केवल दो व्‍यक्ति की जान गई। इसी प्रकार पुडुचेरी में भी सड़क हादसे में मौत का आंकड़ा 31 फीसदी से 9 फीसदी पर सिमट गया। इसी प्रकार पूरे देश में कड़े कानून, लोगों की जागरूकता के चलते हादसों में काफी कमी आई है। यदि लोग तीव्र प्रकाश का हेडलाइट के तौर पर प्रयोग बंद कर दें तो जानमाल का नुकसान और कम हो जाएगा।  

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