घर के सदस्‍य और अपनी जरूरत के अनुसार करें एसी का इस्‍तेमाल, करें बचत




गर्मी का मौसम सामने है। ऐसे में आप यदि एसी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो कुछ बातें समझ लेनी जरूरी है। यह तो हम सब जानते हैं कि तकनीक की दुनिया हर रोज बदल रही है। इसमें नई-नई सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में एयर कंडीशनर खरीदतें समय अपनी जरूरत, बजट और तकनीक सभी बातों का ख्‍याल रखना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं कि एसी खरीदते वक्‍त किन-किन बातों का ख्‍याल रखना जरूरी होता है।
    आज बाजार में तरह-तरह के एसी आ रहे हैं, जो वातावरण को अपने इन्‍वर्टर से अनुकूल बनाए रखने में सक्षम हैं। ड्यूल कूल इंवर्टर कंप्रेसर तकनीक आज एसी को आधुनिक बनाती है। कंप्रेसर के अंदर ड्वेल रोटरी आज के एसी में आ रही हैं, जो पॉवर सेविंग कर आपको राहत देता है। बिजली का खर्च कम होने के कारण आपका बिजली का बिल बहुत कम आता है। इन्‍वर्टर एसी का मतलब कई लोग यह समझ लेते हैं कि बिजली सप्‍लाई वाला यंत्र, लेकिन यहां इन्‍वर्टर एसी का अर्थ कूलिंग को लगातार बेहतर तरीके से बनाए रखना। यह एसी तापमान को कंट्रोल करता है।  

4 इन 1 कंवर्टेबल कूलिंग बनाए आपको स्‍मार्ट
 आप एसी खरीदने का मन बना रहे हैं तो यह देख लें कि इसमें 4 इन 1 कंवर्टेबल कूलिंग सुविधा है की नहीं। इसे एक्टिव एनर्जी कंट्रोल या 4 स्‍टेप एनर्जी सेविंग के नाम से भी जाना जाता है। इस तकनीक के चलते आपके एसी में 4 मोड मिलते हैं। इसके तहत आप चाहें तो एसी को घर के सदस्‍यों के आधार पर सेट कर सकते हैं या कंवर्ट कर सकते हैं। इसके अलावा आप मौसम के अनुरूप भी अपने एसी का प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप अपने घर में काम कर रहे हैं और गर्मी अधिक है तो आप अपने एसी को 100 प्रतिशत क्षमता पर प्रयोग कर सकते हैं। दूसरे मोड में आपका एसी 80 प्रतिशत बिजली को खर्च करता है। यह मोड तब प्रयोग कर सकते हैं जब घर के सभी सदस्‍य आराम से बैठे हैं। तीसरे मोड में आपका एसी 60 प्रतिशत बिजली खर्च करता है यानी 40 प्रतिशत बचाता है। इस मोड को आप तब खर्च कर सकते हैं जब आपके घर में कम लोग ही हों और वह भी कोई काम नहीं कर रहें हों। वहीं चौथे मोड में आपका एसी मात्र 40 प्रतिशत ही बिजली खर्च कर आपको ठंडक देता है। अब आप समझ गए होंगे कि इसका प्रयोग आप एक या दो लोग घर में होने पर कम सकते हैं।       
 
ओसियन ब्‍लैक प्रोटेक्‍शन दे साफ हवा

आज के इन डोर व आउट डोर एसी में 100 प्रतिशत कॉपर के साथ ओसियन ब्‍लैक प्रोटेक्‍शन की सुविधा दी जा रही है। इसे आप जरूर परख लें। यह तकनीक रासायनिक, स्‍मॉग या किसी भी प्रकार के प्रदूषण से आपकी रक्षा करता है। महानगरों में इस तकनीक की सबसे अधिक जरूरत है। क्‍योंकि आज हमारे शहर सबसे अधिक प्रदूषण से प्रभावित हैं। इसके अलावा कंडेनसर के ऊपर ओसियन ब्‍लैक फिंस तकनीक आ रही है। यह तकनीक कंडेनसर को धूल, मिट्टी, अन्‍य छोटे कण, नमी, फंगस आदि से बचाता है। वहीं लो गैस डिटेक्‍शन तकनीक आपको गैस खत्‍म होने से पहले ही यह सूचित कर देगा। इसके अलावा यदि आपके एसी से गैस लीक होती है तो डिस्‍प्‍ले पर सीएच38 कोड लिखकर आपको चेतावनी मिलती है। इसके अलावा कई आउटर वाली जगह, गांव या फॉर्म हाउस इत्‍यादि में आपको बिजली के उतार-चढ़ाव की समस्‍या झेलनी पड़ती है, तो ऐसे में आपके एसी में स्‍टेबलाइजर फ्री प्‍लस सुविधा का होना भी जरूरी है। यह 20 वोल्‍ट से 290 वोल्‍ट तक के फ्लकचुएशन को आसानी से कंट्रोल करता है। इसके अलावा 4वे स्विंग तकनीक आपको हर दिशा में बराबर ठंडक देता है। वहीं आर32 गैस वाले एसी आज बाजार में उपलब्‍ध हैं, जो पूर्ण रूप से इकोफ्रेंडली हैं। इनमें ग्रीन गैस होती है जो हानिरहि‍त भी है और काफी ठंडक भी देती है। इसके अलावा थिन क्‍यू तकनीक आपको कहीं से भी अपने एसी को कंट्रोल करने की सुविधा देती है। 




इन बातों का रखें ख्‍याल
·        क्षमता :- एसी खरीदते वक्‍त सबसे पहले अपने शहर के तापमान की गणना जरूर कर लें। यदि आप गर्म क्षेत्र में रहते हैं और आपका घर व कमरा बड़ा है तो अधिक क्षमता वाला ए‍सी ही आपकी जरूरत को पूरा कर सकेगा।
·        प्रकार :- नॉन-इन्‍वर्टर एसी व इन्‍वर्टर एसी की जरूरत को अपनी सुविधा के अनुसार पहले ही तय कर लें। नॉन-इन्‍वर्टर एसी नियमित गति और क्षमता के साथ आपको ठंडक देता रहता है। वहीं इन्‍वर्टर एसी तापमान के अनुसार अपने को एडजस्‍ट करता है और बिजली भी बचाता है।
·        स्‍टार :- ब्‍यूरो ऑफ एनर्जी एफीशिएंसी यानी ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो आपको पॉवर रेटिंग से रूबरू कराता है। एनर्जी ए‍फिशिएंसी रेसियो पर जरूर ध्‍यान दें, क्‍योंकि यह ऊर्जा दक्षता की गुणवत्‍ता को बताता है।
·          कूलेंट :- वातावरण को शीतल करने में गैस का प्रयोग किया जाता है। यह चार प्रकार के होते हैं। पहला क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) इसे हम आर12 के नाम से जानते हैं। यह शुरुआती कूलेंट है, पर यह ओजोन लेयर के लिए नुकसानदेह है। दूसरा हाइड्रो क्लोरोफ्लोरोकार्बन (HCFC) इसे आर22 के नाम से जानते हैं, जो आर 12 से थोड़ी कम नुकसानदेह है। इसके भी इस्‍तेमाल को बंद करने पर विचार चल रहा है। हाइड्रो कार्बन्स (HC) यह अन्‍य कूलेंट में सबसे कम नुकसानदेह है। इसमें आर290 और आर600ए को कूलेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसे ग्रीन कूलेंट भी कहते हैं।
·          अन्‍य फीचर : एसी खरीदते वक्‍त कूल मोड, फैन मोड, एनर्जी पॉवर सेवर मोड, क्विक कूल मोड, स्‍लीप मोड व 6वां सेंस कुलिंग आदि पर भी गौर करने की जरूरत पड़ती है।    

बेहतर को चुनें
आज ड्यूल कूल इन्‍वर्टर एसी में आपको कंडेंसर मिलता है। यह काफी किफायती सिद्ध होता है। इसके अलावा यह तेजी से कमरे को ठंडा करता है। ड्यूल रोटरी मोटर आपको काफी तेज ठंडक देने में सक्षम है। इसके अलावा ऑटोमेटिक रीस्‍टार्ट, लो-रेफ्रिजीरेंट डिटेक्‍शन, हिमालय टर्बो कूल और माइक्रो डस्‍ट प्रोटेक्‍शन आदि की सुविधा भी आपके एसी में मौजूद है। खरीदते वक्‍त एसी और कंप्रेसर की वारंटी जरूर देख लें। वहीं कई एसी कंपनियां 4-इन-1 कंवर्टेबल एसी दे रहे हैं, जो आपकी जरूरत का पूरा ख्‍याल रखता है। यह ऊर्जा बचत में भी आपका साथी है। इसके अलावा ओसियन ब्‍लैक फिन सुविधा युक्‍त एसी आपके घर से धूल, धुआं और रासायनिक तत्‍वों को दूर भगाने में भी कारगर है। यह आपके घर की हवा को शीतल करने के साथ ही शुद्ध भी करता है। इसके अलावा यह बिजली की कम खपत कर आपका आर्थिक तौर पर भी ख्‍याल रखता है। इसके अलावा एसी में बीएलडीसी मोट, कोल्‍ड प्‍लाज्‍मा तकनीक व ऑटोमेटिक 4डी स्विंग जैसे आकर्षक फीचर भी आ रहे हैं। आप आज टाइमर लगाकर भी एसी का उपयोग अपने अनुसार कर सकते हैं।   

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