सेहत व ताकत का साथी दशमूलारिष्ट
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी। इसके बीच काम, पढ़ाई, नौकरी व अन्य ढेरों तनाव। जीवन में चल रहीं अनेकों समस्याओं के चलते आपकी सेहत जवाब देने लगती है। आप थकने लगती हैं। आप हर रोज खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर महसूस करने लगती हैं। हर आयु वर्ग की महिला आज इन सभी चीजों से परेशान हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि खराब दिनचर्या, तनाव और तेजी से बदलती लाइफस्टाइल अस्पतालों में बढ़ती भीड़ का मुख्य कारण हैं।
ऐसे में चिकित्सकों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन समस्याओं व बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले तो योग, व्यायाम और मेडिटेशन को व्यवहार का हिस्सा बनाने की बहुत जरूरत है। इसके अलावा भोजन और रहन-सहन में नियमितता की आवश्यकता
है। आज सबसे बड़ी दिक्कत एक चीज कि स्पष्ट दिख रही है, वह है जहां भूख लगे वहीं खाने लगना। सफाई, तेल, मिर्च-मसाला व स्वच्छता को नजरअंदाज करना। चटपटे स्वाद के चक्कर में सेहत को दाव पर लगाना। ऐसी आदतों के चलते आपका शरीर लगातार कमजोर होता जाता है। आप बीमारियों की चपेट में आती जाती हैं। हर रोज स्वास्थ्य समस्याएं शुरू होने लगती हैं। आप थोड़े काम में थकने लगती हैं। मनोबल आपका गिरने लगता है। आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी आने लगती है। इसके चलते आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। शरीर के अंगों की कार्य क्षमता धीमी पड़ने लगती है।
खुद का रखें ख्याल
ताकत, सेहत और ऊर्जा के लिए ऐसे तो बाजार में ढेरों सप्लीमेंट उपलब्ध हैं। पर भरोसे की बात की जाए तो आयुर्वेदिक सप्लीमेंट सबसे बेहतर होते हैं। यह अच्छे
तो होते ही हैं, साथ ही साइड इफेक्ट का डर नहीं रहता। ऐसे में स्वास्थ्य टॉनिक दशमूलारिष्ट सबसे उपयोगी और भरोसेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद जड़ी बूटियां आपकी कमजोरी दूर कर आपको अंदर और बाहर से ताकत देते हैं। आप इससे निरोगी तो रहती ही हैं, साथ ही तन और मन से ऊर्जावान भी हो जाती हैं। दशमूलारिष्ट प्रसव की कमोजोरी, ढेरों बीमारी और काम की थकान से मुक्ति दिलाने में सबसे उपयोगी माना जाता है।
महिलाओं के लिए वरदान
प्रसव के बाद महिलाओं में ढेरों बदलाव आते हैं। ऐसे में उन्हें पीठ में दर्द, थकान, हरासमेंट, तनाव, डिप्रेशन, सूजन इत्यादि दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। इस अवस्था में महिलाओं का सिर्फ एक ही भरोसा सामने आता है, वह है दशमूलारिष्ट। यह महिलाओं की हड्डी, तन, मन, जोड़, मांसपेशियों व लिगामेंट्स को शक्ति व ऊर्जा प्रदान करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में काफी मदद करता है।
हर व्याधि का अंत
आयुर्वेद का सर्वोत्तम योग दशमूलारिष्ट महिलाओं की ढेरों व्याधियों को जड़ से उखाड़ फेंकने में सक्षम सिद्ध हुआ है। 10 प्रकार की जड़ों से बना दशमूलारिष्ट डिलिवरी के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान की तरह माना जाता है। इसमें मौजूद बेल, गम्भारी, पाटल, अरनी, अरलू, सरिवन, पिठवन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और गोखरू काफी स्वास्थ्य वर्धक होते
हैं। इसके अलावा बिल्व,
श्रीपर्णी, पाटला, अग्निमन्थ, शालपर्णी, पृश्रिपर्णी, वार्ताकी, कण्टकारी और
गोक्षुर महिलाओं को अंदर और बाहत से मजबूत व ऊर्जावान बनाए रखने में काफी कारगर
माने जाते हैं। दशमूलारिष्ट पूर्णत: सेहत के लिए सुरक्षित औषधि है। वर्षों से आज तक महिलाओं व आम लोगों का इस पर भरोसा लगातार बना हुआ है, जो आज भी कायम है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में सफल है। शरीर पर यह दवा किसी भी प्रकार का दुष्प्रभावों नहीं डालती। यह शत प्रतिशत एक आयुर्वेदिक औषधि है।
ताकत का साथी
दशमूलारिष्ट को आप 2-2
चम्मच
आधा कप जल में मिलाकर दोनों वक्त भोजन के बाद ले सकती हैं। यह प्रसव के बाद के
दर्द, तनाव से राहत
देने में सफल है। महिलाओं को हडि्डयों, मांसपेसियों, जोड़ों व लिगामेंट की पीड़ा से मुक्ति देते हुए यह
उन्हें स्वास्थ्य का सुरक्षा घेरा प्रदान करता है। इसका सेवन करने से प्रसूता
ज्वर, खांसी, अग्निमांद्य, कमजोरी आदि
व्याधियों से बची रहती है। दशमूलारिष्ट
के सेवन से प्रसूति रोगों से राहत मिलती है। वहीं रक्त स्राव के चलते आई कमजोरी
खत्म होती है और स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
दशमूलारिष्ट के लाभ
·
यह आपके शरीर को अंदर और बाहर
से ऊर्जावान बनाता है।
·
इम्युनमोड्युलेटर और एंटी-ऑक्सीडेंट
के चलते रोगों से बचाता है।
·
तन व मन में उपजी कमजोरी को जड़
से उखाड़ फेंकता है।
·
महिलाओं की हर प्रकार की कमजोरी
व थकान दूर करने में यह फायदेमंद है।
·
शरीर में मौजूद कई प्रकार के
दर्द को दूर भगता है।
·
महिलाओं की मांसपेशियों,
हडि्डयों व जोड़ों को ताकत देता है।
·
आपको निरोगी बनाकर त्वाचा में
निखार लाने में भी मदद करता है।
·
दुबलेपन से भी यह आपको छुटकारा
दिलाता है।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें