इम्युनिटी पावर बढ़ाकर रहें निरोगी


हमारे शरीर में हर वक्‍त बदलाव जारी रहता है। ऐसे में हमारे जेनेटिक स्ट्रक्चर में भी परिवर्तन होता रहता है। इसके चलते कई बार हम गंभीर बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। हमारी लापरवाही के चलते हमारा इम्‍यून सिस्‍टम प्रभावित हो जाता है। हर कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखकर हम अनेकों बीमारियों को मात देते हुए स्‍वस्‍थ जीवन बिता सकते हैं।

अनियमित दिनचर्या व खानपान में अनदेखी और दुनियाभर के तनाव के चलते हम अंदर ही अंदर कमजोर होते जाते हैं। ऐसे में हमारा दिल, किडनी, दिमाग, लीवर, मांसपेशियां और अन्‍य जरूरी अंग प्रभावित होने लगते हैं। हमारे अंदर के जरूरी तत्‍व पर्याप्‍त मात्रा में न उपलब्‍ध होने के कारण हम गंभीर स्थिति या कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। कई बार शरीर के अंदर या बाहरी त्‍वचा पर संक्रमण या किसी गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षण के तौर पर सूजन नजर आने लगता है। इस सूजन को यदि हम उसी वक्‍त गंभरता से नहीं लेते तो ये आगे चलकर हमारे कई अंगों को डैमेज भी कर सकता है।

 

 

संक्रमण से बचाव जरूरी


भागदौड़ भरी जिंदगी और हमारी लापरवाही हमें संक्रमण का शिकार बना देती है। इसके अलावा अनुचित अवसाद यानी स्‍ट्रेस का लेना खतरे की घंटी है। तनाव को ज्‍यादा देर तक अपने आसपास भटकने नहीं देना चाहिए। इससे आप मोटापा, डायबीटीज, दिल की बीमारियां आदि के चपेट में आ जाते हैं। आपकी किडनी पर भी स्‍ट्रेस का सीधा असर पड़ता है। इसके अलावा साफ-सफाई में तनिक भी कोताही आपको संक्रमित होने के लिए काफी है। संक्रमण से बचने के लिए साफ पानी, कपड़ा, पौष्टिक भोजन, आसपास का स्‍वच्‍छ और स्‍वस्‍थ माहौल काफी जरूरी है। शरीर पर अनेकों वायरस, बैक्टीरिया या अन्य माइक्रोऑर्गेनिज्म अटैक करते हैं, जिसे आप सफाई और खुद की देखभाल करके बच सकते हैं। संक्रमण का पहला रूप सूजन, बुखार, व जुखाम के तौर पर आपके शरीर पर नजर आने लगता है। ऐसा होने पर आप तत्‍काल डॉक्‍टर से मिलें और अपने इम्युनिटी पावर को बढ़ाने में जुट जाएं। 



रोग के कारक आंखों से नहीं दिखते

हमारे आसपास रोग पैदा करने वाले अनेकों कारक हमले के फिराक में मौजूद होते हैं। ऐसे में वह हमेशा हमारी एक लापरवाही का इंतजार कर रहे होते हैं। ये रोगजनित जीवाणुओं काफी छोटे होते हैं। किसी पिन के हेड पर मिलियन की संख्या मौजूद रह सकते हैं। खैर इनसे आपको डरने की जरूरत नहीं है। क्‍योंकि इन वायरसों के संक्रमण से लड़ने के लिए हमारे शरीर में पहले से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। यह हमारे शरीर को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है। ऐसे में कोशिश करें कि आपका इम्युनिटी पावर हमेशा बेहतर रहे। हमारे अंदर प्रतिरक्षी तंत्र, सशक्त रूप से जानलेवा कीटाणुओं के दुनिया में हमें जीवन देने का काम करता है।

 

प्रतिरक्षी क्षमता दो तरह से करती है रक्षा

हमारे प्रतिरक्षी तंत्र में दो स्तर की प्रतिरक्षी ताकत होती है। पहला विशिष्ट और दूसरा गैर-विशिष्ट प्रतिरक्षी क्षमता। गैर-विशिष्ट प्रतिरक्षी क्षमता हमारे शरीर को बाहरी हानिकारक कीटाणु और जीवाणु से सुरक्षा देता है। विशिष्ट प्रतिरक्षी क्षमता सामान्य पैथोजन के खिलाफ हमारी सुरक्षा का साथी बनती है। यह त्वचा और म्युकस झिल्ली के जरिये बाहर ही रोगा‍णुओं को रोक देता है। ये रोगाणु यदि त्वचा के जख के जरिए या सांसों के जरिए फेफड़े तक पहुंच गए तो हमें काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि यदि आप अपने शरीर व आसपास की सफाई व सेहत का ख्‍याल रखते हैं तो आप इनने काफी हद तक बच जाते हैं। इसके अलावा आपके खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं (फैगोसाइट्स) हानिकारक पैथोजंस से मुकाबला कर आपको ऊर्जावान बनाए रखने में सहयोग देती हैं। वहीं विशिष्ट प्रतिरक्षा क्षमता किसी विशिष्ट पैथोजन के खिलाफ लक्ष्‍य रूप से काम करती है।

 

 

इम्युनिटी बढ़ाएं, ऊर्जावान रहें

 

 

·         गुनगुना पानी नियमित पीएं

·        योग और व्‍यायाम रोज करें

·        जॉगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग करें

·        मेडिटेशन के लिए वक्‍त निकालें

·        हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जरूर खाएं

·        च्यवनप्राश का सेवन लाभकारी है

·        तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ और मुनक्का का काढ़ा लें

·        गुड़ या नीबू को चाय या ऐसे भी लें

·         दूध में हल्दी मिलाकर पिएं

·        खाने में शहद भी लाभदायक है

·        नारियल व तिल का तेल या घी नासिका छिद्रों में लगाएं

·        नमक को गर्म पानी में मिलाकर गरारा करें

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