खुशहाल जीवन के लिए दिल की देखभाल जरूरी

विश्व हृदय दिवस 

 

दिल की बातें अक्‍सर चेहरे को खुशी दे जाती हैं। ये दिल हमारे चेहरे को खुशी ही नहीं देता बल्कि इसकी हर धड़कन हमारी सेहत को रफ्तार देने का काम भी करती हैं। स्वस्थ जीवन के लिए दिल का अहम रोल होता है। ऐसे में इस दिल को तनाव, अनुचित खानपान, अनियमित दिनचर्या और कॉलेस्‍ट्रोल युक्‍त खाद्य पदार्थ हर घड़ी कमजोर करने का काम करते हैं। दिल के लिए कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना जानलेवा माना जाता है। ऐसे में जीवन को धड़कन यानी रफ्तार देने वाले इस दिल का ख्‍याल रखना काफी जरूरी हो जाता है। 

  दिल का ख्याल रखना हम सब की प्राथमिकता है। आज की बेतरतीब दिनचर्या, गलत खान-पान, तनाव, अवसाद, बढ़ता प्रदूषण और रिश्तों में आती दरार हृदय की समस्याओं में इजाफा कर रहे हैं। हालात यह है कि इस बीमारी ने बुजुर्गों के साथ युवा और बच्चों को भी अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। दिल की सेहत की महत्ता को लेकर हर साल 29 सितंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया में वर्ल्ड हार्ट डे मनाता है, ताकि लोगों को हृदय और इससे जुड़े रोगों को लेकर जागरूक किया जा सके।

   आपको हैरत होगी कि विश्व में दिल के दौरे से हर साल 1 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। इनमें से 50 प्रतिशत लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही जान गवां देते हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि इस वक्त 20 से 40 की उम्र के युवा इसके शिकार ज्यादा हो रहे हैं, जो चिंतनीय है। हृदय रोग कई बार अनुवांशिक कारणों से भी होता है। ऐसे में आपकी जागरूकता ही आपको और आपके अपनों को इस समस्या से बचा सकती है। आपको बता दें कि सन 2000 में विश्व हृदय दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। एक शोध के अनुसार, दिल की बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया गया तो 2020 में ही हर तीसरा इंसान हृदय रोग से पीड़ित होगा। ऐसे में कई शोध यह सिद्ध करते हैं कि अनुचित खानपान और कॉलेस्‍ट्राल युक्‍त खाद्य पदार्थों का अत्‍यधिक सेवन इसका सबसे बड़ा कारक है। इसके अलावा आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित दिनचर्या भी हमारे दिल के लिए घातक परिणाम पैदा कर रहे हैं। वहीं तनाव और प्रदूषण भी हृदय को कमजोर करने को लेकर विशेष कारक माने जाते हैं। अपनी दिनचर्या और खानपान में उचित बदलावा कर आप अपने दिल को सेहतमंद और खुशहाल रख सकते हैं।

 

 

दिनचर्या व खानपान को बदलें

 

योग, मेडिटेशन और व्यायाम आपके जीवन में ऊर्जा को बनाए रखने तथा आपको सेहतमंद रखने का विशेष कार्य करते हैं। वहीं ये हमारे दिल की हर धड़कन को मजबूती देते हैं। इसके अलावा दिल की अच्‍छी सेहत के लिए समय पर सोना, जगना और गहरी नींद लेना काफी जरूरी है। मेडिटेशन से आपके अंदर खुशी देने वाले हॉर्मोंस श्रावित होते हैं। वहीं घर, मोहल्‍ला, ऑफिस आदि किसी भी जगह पर पनपते तनाव से हमेशा दूर रहने में ही भलाई है। ऐसे भी किसी समस्‍या का हल एक निश्चित व्‍यवहार के तहत निर्धारित है। इसका तनाव के जरिये समाधान नहीं होता। इसके अलावा संक्राकम बीमारियों के चलते भी हृदय को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में तनाव और अवसाद से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना काफी जरूरी है। दिनचर्या को नियमित करें। नृत्य, संगीत, भजन-कीर्तन व पुस्तकों को जीवन का हिस्‍सा बना लें। पर्वतीय या साफ वातावरण में पर्यटन के तौर पर कुछ दिन बिताना भी लाभकारी सिद्ध होता है।

 

 दिल के लिए जरूरी काम

 

    तनाव या चिंता से दूरी बहुत जरूरी

    दिनचर्या को नियमित करें

    योग और व्यायाम हर प्रतिदिन करें

    रोज 10-10 मिनट मेडिटेशन तीन या चार बार करें

    जॉगिंग पर सुबह और शाम बिना गैप जाएं

    पौष्टिक खानपान को बरकरार रखें

    कॉलेस्ट्रोल युक्त खाद्य पदार्थों से बचें

    नमक और वसा लेने से परहेज करें

    जंक फूड, फास्ट फूड और तली चीजों से दूर रहें

    शुगर और ब्लड प्रेशर हृदय रोग को दावत देते हैं

    ताजे फल और सब्जियां रोज खाएं

    नींद में कंजूसी सेहत पर भारी पड़ सकती है

    बढ़ते वजन को तुरंत रोक लें

    घंटों एक ही स्थिति में कभी न बैठें 

    देर रात तक जगने की आदत छोड़ दें

    तंबाकू से तत्काल तौबा जरूरी है

    धूम्रपान तो आसपास के लोगों के लिए भी घातक है

 

 

छह मंत्र याद रखें

 

    खुश रहें

    तनाव न लें

    पॉजीटिव बनें

    समय पर भोजन करें

    व्यायाम अपनाएं

    डॉक्टर से तुरंत मिलें

 

दिल की घबराहट को समझें

 

    भूख में कमी

    वजन का गिरना

    मोटापा का होना

    आंख की कमजोरी 

    प्यास और पेशाब बढ़ना

    सांस फूलना

    थक जाना

    चिढ़चिढ़ापन

    गुस्सा बार-बार आना

    चोट के ठीक होने में देरी

    शरीर में लगातार दर्द

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