जैविक आहार से सेहत रहेगी सदाबहार


आज की भागमभाग भरी जिंदगी और मिलावटी खाद्य पदार्थों ने इंसान को अंदर से खोखला कर दिया है। नकली और जहरीले कीटनाशकों व खाद के प्रयोग ने सेहत को लेकर और भय पैदा कर दिया है। ऐसे में जैविक खाद्य पदार्थ हमारी सेहत के लिए एक अच्‍छा विकल्‍प हैं। इसे अपनाकर आप अपनी और अपनों की सेहत का पूरा ख्‍याल रख सकते हैं। जैविक आहार आपको जहरीले तत्‍वों से तो बचाता ही है साथ ही अपनी पौष्टिकता से आपको हिष्‍ट-पुष्‍ट रखता है।
    
आज दुनिया के हर देश में जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी है। यहां तक ही हमारे देश में भी सरकार इसको लेकर काफी गंभीर है और इसको बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी चला रही है। भूमि और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से आज खेतों की गुणवत्‍ता खराब होती जा रही है। ऐसे में जैविक खेती और खाद्य पदार्थ जमीन और इंसान दोनों की सेहत में सुधार ला रहे हैं। आपको बता दें कि रासायनिक उर्वरकों की सहायता से उपजे अनाज, फल व सब्जियां हमारी सेहत को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में जैविक खेती से उपजे पदार्थ आपके स्‍वास्‍थ्‍य का रक्षक बनकर उभरा है।


तेजी से बढ़ रही मांग

जिंदगी की भागदौड़ में आप अक्‍सर अपनी सेहत का ख्‍याल नहीं रख पाते। ऐसे में आपकी सेहत के लिए जैविक खाद्य पदार्थ एक अच्‍छा विकल्‍प है। इसकी गुणवत्‍ता की वजह से ही पिछले पांच साल में जैविक खाद्य पदार्थों की मांग 95 प्रतिशत बढ़ी है। बदलते मौसम, जानलेवा रसायन और प्रदूषण के प्रकोप के चलते आज दुनिया के सभी देश इसको अपना रहे हैं। भारतीय उपभोक्‍ता पोषण, स्‍वास्‍थ्‍य, खाने को ज्‍यादा महत्‍व देते हैं। ऐसे में भारत में विगत कुछ वर्षों में ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों ने रसोई में अपनी पहुंच मजबूत की है। लोगों में एक गलतफहमी है कि खाद्य पदार्थ, फल व सब्जियों को धोने से कीटनाशक और रसायन धुल जाएंगे। परंतु यह उस पदार्थ में अंदर तक अपनी पैठ जमाए रहते हैं और आपके अंदर पहुंच आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।    


इसको समझें

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·         परंपरागत खाद्य पदार्थों के मुकाबले जैविक खाद्य पदार्थों में 27 फीसदी विटामिन सी, 21.1 फीसदी आयरन, 29.3 फीसदी मैग्‍नेशियम व 13.6 फीसदी फॉसफोरस अधिक जाए जाते हैं।
·         रसायनिक उर्वरकों से निर्मित खाद्य पदार्थ आपकी स्‍नायु तंत्र को प्रभावित करते हैं।
·         परंपरागत खाद्य पदार्थ प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी हानिकारक हैं।
·         कीटनाशक का प्रयोग करने के चलते सिरदर्द और कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
·         गभर्स्‍थ महिलाओं और बच्‍चों के लिए कीटनाशक की थोड़ी भी खतरे की घंटी है।
·         परंपरागत खाद्य पदार्थ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं।

जैविक खाद्य पदार्थ को जानें
·         ऑर्गेनिक भोजन से कीटनाशक व रसायन का सेवन कम हो जाता है।
·         ऑर्गेनिक कोल्ड प्रेस्ड ऑयल अलग कर देते हैं या उन्हें दबाकर फिल्टर करते हैं।
·         इनमें लेसिथिन, प्राकृतिक विटामिन ई, फाइटोकैमिकल्स इत्‍यादि ढेरों विटामिन व खनिज पदार्थ प्राप्‍त होते हैं।
·         यह आपकी सेहत और खेत की उर्वरा के लिए काफी लाभदायक है।


भारत में बढ़ा जैविक खेती का कद
यह तो आपको पता ही होगा कि सिक्किम हमारे देश का 100 प्रतिशत जैविक राज्‍य बन चुका है। इसने अपनी 75 हजार हेक्‍टेयर की कुल कृषि भूमि को प्रमाणित तौर पर जैविक कृषि क्षेत्र बना दिया है। जैविक अदरक, हल्‍दी, इलायची, फूल, किवी, मक्‍का, बेबी कॉर्न और मौसमी सब्जियां इस राज्‍य की खासियत हैं। हमारे देश में आज प्रमाणित जैविक कृषि उत्‍पादन 135 लाख टन होता है। सिक्किम में कृषि में रसायनिक उर्वरकों के इस्‍तेमाल पर एक लाख का जुर्माना या तीन माह की कैद या दोनों का प्रावधान है। आपको मालूम हो कि आज पूरे भारत में 57.1 लाख हेक्‍टेयर भूमि पर जैविक खेती हो रही है। इसमें से 42.2 लाख हेक्टेयर वनभूमि है। जैविक खेती क्षेत्र के रूप में प्रमाणिक 14.9 लाख हेक्टेयर ही है। आज जैविक खेती क्षेत्र में मध्‍य प्रदेश, हिमाचल, राजस्‍थान, ओडिशा व आंध्र प्रदेश अग्रणी राज्‍य हैं। सिक्किम की सफलता को देख आज केरल, मिजोरम व अरुणाचल भी उसके मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।




·         जैविक खाद्य और पेय पदार्थ का अंतरराष्ट्रीय बाजार 32 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
·         अमेरिका, जर्मनी व फ्रांस के बाद यूरोप और चीन इसमें अपना कद बढ़ा रहे हैं।
·         प्रति व्यक्ति खपत के हिसाब से स्विटजरलैण्ड, डेनमार्क और लक्समबर्ग सबसे आगे हैं।
·         विश्‍व के 170 देश के लगभग 431 लाख हेक्टेयर जमीन पर प्रमाणिक जैविक कृषि हो रही है।
·         इसमें से एक प्रतिशत पर ही खेती हो रही है, जिनमें ओसिनिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका व अफ्रिका की भूमिका सराहनीय है।


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