कैंसर के काल से बचाएगी आपकी समझदारी
आज हमारे देश में कैंसर जैसी
घातक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। ऐसे में इस बीमारी की गंभीरता को देखते
हुए राज्यों के साथ केंद्र सरकार भी लोगों को जागरूक करने में जुटी है। आपको मालूम
होगा कि हम 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के तौर पर मनाते हैं। इसका
मुख्य उद्देश्य कैंसर होने की संभावना व कारणों के प्रति
लोगों को जागरूक करना है। वहीं कैंसर के प्राथमिक स्तर पर ही उसकी पहचान करने के
प्रति लोगों में सचेत करना भी है। ऐसे में आपकी समझदारी ही कैंसर के काल से आपको व
आपके अपनों की रक्षा कर सकती है।
ये आंकड़े देखें और
सतर्क हो जाएं
o आपको यह जरूर जानने की जरूरत है कि हमारे देश
में वर्तमान में कैंसर के 29 लाख से अधिक मामले मौजूद हैं।
o हर साल 1.1 लाख नए मामले इस संख्या में और जुड़ रहे हैं।
o आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि हर आठ मिनट में एक
महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर से हो जाती है।
o ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हर दो महिला
में से एक महिला की जान चली जाती है।
o भारत में तंबाकू के चलते हर रोज 3500 लोगों के
मृत्यु का अनुमान है।
o स्मोकिंग व धुएं से 2018 में 3.17.928 के करीब
लोगों की जान चली गई।
o 100 में से 40 कैंसर के रोगी सिगरेट व तम्बाकू
का सेवन करने वाले होते हैं।
o कैंसर से हर साल करीब 7.84.821 लोगों की जान
चली जाती है।
o 4.13.519 पुरुष और 3.71.302 महिलाएं कैंसर से
प्रभावित रहीं।
ये अंग होते हैं प्रभावित
पुरुषों में यह घातक बीमारी
ओंठ, मूंह, कैविटी, फेंफड़े, पेट, कोलोरेक्टरल, घेघा व गले पर आक्रमण कर मौत
के करीब पहुंचा देती है। वहीं महिलाओं के मुख्य अंगों में यह ब्रेस्ट, ओठ, मूंह, गर्भाशय ग्रीवा, फेंफड़े, पेट व अमाशय के कैंसर का रूप
ले जान ले लेती है। ऐसे में आपकी समझदारी ही इस जानलेवा बीमारी
को आपसे दूर रख सकती है। साथ ही इसके महंगे उपचार से भी आपकी सुरक्षा कर सकती है।
क्योंकि यदि इस बीमारी का पता विकसित दशा में चलता है तो यह सामान्य परिवार को
आर्थिकतौर पर बहुत कमजोर कर देती है। साथ ही पीड़ित की जान भी ले लेती है। ऐसे में आपकी जागरूकता ही
मात्र इससे बचाव का रास्ता है।
ऐसे कर सकते हैं खुद की
रक्षा
आधुनिक जीवनशैली, अशुद्ध भोजन, योग और व्यायाम से दूरी, आलस्यता इत्यादि ऐसे कारण
हैं जो आपको कैंसर की चपेट में ले जाने का कारण बन जाते हैं। इसको लेकर 7 नवंबर 2014 से लगातार कैंसर
को लेकर सरकार जागरूकता अभियान चला रही है। ऐसे में आपकी सहभागिता ही आपको कैंसर
से बचा सकती है। आपको बता दें कि कैंसर वास्तव में कोई बीमारी नहीं है बल्कि हमारे
शरीर के किसी हिस्से का अनियंत्रित हो जाने की स्थिति को कहते हैं। साधारणतया कहा
जाए तो कैंसर में शरीर के सेल्स खुद ब खुद बढ़ने लगते हैं। ऐसे में यह इंसान को
जानलेवा स्थिति तक पहुंचा देते हैं।
जागरूकता क्यों है जरूरी
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता
दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि अधिक से अधिक लोगों को कैंसर के प्रति जानकारी
पहुंचाई जा सके। उन्हें जागरूक किया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों को देखें तो दुनिया में प्रत्येक वर्ष 85 लाख लोगों की जान कैंसर से चली जाती है।
जागरूकता के अभाव में यह आंकड़ा लगातार बढ़ ही रहा है। एक शोध के अनुसार, 2020 तक कैंसर के मरीजों की
संख्या 1 करोड़ से अधिक हो जाएगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में हर साल आने वाले
कैंसर के करीब 12 लाख नए मामलों में से 6 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
यहां यह सवाल उठता है कि इतनी सुविधाओं के बावजूद इस मर्ज को हम रोक क्यों नहीं पा
रहे हैं। ऐसे में आपकी जागरूकता और समय पर स्वास्थ्य जांच इस गंभीर बीमारी से बचाव कर
सकती है।
वायु प्रदूषण ने हालात और गंभीर किए
देश की राजधानी दिल्ली व
एनसीआर के क्षेत्र के साथ ही अन्य महानगरों में प्रदूषण एक गंभीर समस्या के तौर पर
उभरकर सामने आया है। ऐसे में नाक, गला, मूंह, फेफड़े के कैंसर की संभावना
बढ़ गई है। हमारे शहरों की आबोहवा जहरीली होने के कारण आपकी चिंता में इजाफा होना
लाजमी है। शहरों के गैस चैम्बर बनने से कैंसर हमारे फेफड़े को आसानी से संक्रमित कर
हमें बीमार बना रहा है। ऐसे में पर्यावरण को लेकर भी हमें गंभीर होने की जरूरत आन
पड़ी है। एक रिपोर्ट हमें बताती है कि दुनिया में वायु प्रदूषण से 5 मिलियन लोगों
की जान चली जाती है। इनमें से 50 प्रतिशत यानी आधे भारत और चीन के लोग होते हैं।
घर में रहें या बाहर, हर जगह आपको कम या ज्यादा तौर पर प्रदूषण प्रभावित कर ही रही है। आपको बता
दें कि 2017 में वायु प्रदूषण से स्ट्रोक, डायबिटीज, हार्ट अटैक, फेफड़े के कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों के चलते 50 लाख लोगों की जान चली गई
थी। हमारे देश में वायु प्रदूषण खतरे के जोखिम के तीसरे पायदान पर पहुंच चुका है।
ये लक्षण दिखे तो हो जाएं होशियार
o शरीर में कोई उभार दिखे तो इसे नजरअंदाज
बिल्कुल न करें।
o गांठ बनता दिखे व दर्द भी हो तो तुरंत डॉक्टर
से मिलें।
o स्तनों में गांठ को कभी भी अनदेखा न करें।
o खासी और गले की लगातार बनी खराश को मामूली
समस्या न मानें।
o मल त्यागने में वक्त, मात्रा, रंग, कब्ज, लूज मोशन, अपच का लगातार रहना अच्छा
नहीं है।
o यूरिन में रक्त नजर आए, यूरिन पास करने का नियंत्रण
खत्म हो जाए, दर्द आदि लक्षण दिखे तो
डॉक्टर से तुरंत मीलिए।
o शरीर में लगातार तेज दर्द का बना रहना बोन
कैंसर या ओवेरियन कैंसर का कारण हो सकता है।
o उपचार के बाद भी सिर दर्द का बना रहना
ब्रेनट्यूमर का लक्षण हो सकता है।
o कमर में दर्द का तात्पर्य आंत, मलाशय या अंडाशय के कैंसर से
हो सकता है।
o यदि आपका वजन 4-5 किलो हर माह कम हो तो तुरंत सचेत हो
जाइए।
o खासी व मल में खून आने का संकेत कैंसर हो सकता
है। तुरंत चिकित्सक से मिलें।
o त्वचा में बदलाव, रंग, खुजली, तिल व मस्से बनना आपको सचेत करने के संकेत हैं।
o बुखार का लगातार बने रहना आपकी सेहत के लिए
चिंताजनक है।
o
इनमें से कोई भी लक्षण आपमें दिखे तो यह जरूरी नहीं कि कैंसर ही हो, पर यहां आपको सचेत व सतर्क हो जाने की काफी जरूरत है।
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