स्वास्‍थ्‍य के लिए स्वच्छ जल चाहिए


बीमारी और स्वास्‍थ्‍य के लिए स्वच्छ पानी का सेवन बहुत जरूरी है। ऐसे में आपको ही यह सुनिश्चित करना होगा कि आप जो पानी पी रहे हैं वह कितना स्वच्छ‍ है। या फिर आप अपने प्रयोग में लिए जा रहे जल को कहां संचय कर रहे हैं। घर की टंकी, पाइप और नल कैसा है। कहीं लिकेज तो नहीं है। उसकी सफाई है की नहीं। आपको यह तो पता ही है कि भारत में पेयजल के रूप में मानसूनी वर्षा का विशेष योगदान है। ऐसे में वर्षा जल का समुचित संग्रह और संचयन पर भी जोर देने की जरूरत है। अत: जब हम जल की बर्बादी को रोकेंगे और स्वच्छ जल का ही सेवन करेंगे, तभी हम और हमारा देश स्वस्थ और खुशहाल हो पाएगा।
  
    आपको यह जानने की जरूरत है कि देश में सन 2025 में अपनी विभिन्न आवश्कताओं की पूर्ति के लिए 1027 अरब घन मीटर पानी की जरूरत पड़ने वाली है। इस संकट से आप-हम, किसान और सरकार मिलकर ही लड़ पाएंगे। ऐसे में हमें पानी की एक-एक बूंद को बचाने की जरूरत है। पानी की कमी से दुनिया सूखा, वायरल, गंभीर बीमारी, प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रही है। ऐसे में आप सतर्क हो जाइए और पानी को बिल्कुल भी बर्बाद न कीजिए। इसके साथ ही साफ पानी का सेवन कीजिए ताकि आप स्वस्‍थ रह सकें। लॉन व पार्कों में जरूरी होने पर ही पानी का छिड़काव करें। पानी के दोबारा प्रयोग की विधि को समझें। आपकी थोड़ी सी समझदारी आने वाली पीढि़यों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी। 


  
पानी की बर्बादी को समझें
•        एक मिनट में आपके नल से 10 से 12 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। ऐसे में भूलकर भी नल को कुछ पल के लिए भी खुला न छोड़ें।
•        कार धोने के दौरान प्रति पांच मिनट में आप 150 लीटर तक पानी को नष्ट कर देते हैं।
•        10 मिनट यदि आप शावर के नीचे नहाते हैं तो 120 लीटर पानी नाली में बह जाता है।
•        ब्रश करने के दौरान यानी मात्र तीन मिनट में 30 लीटर जल बहकर बर्बाद हो जाता है।
•        वहीं बिना आवाज के टपकने वाले फ्लस टैंक से हर रोज 30 से 500 गैलन पानी गिर जाता है।
•        वाशिंग मशीन में प्रत्येक धुलाई के दौरान 40 से 50 गैलन पानी खराब हो जाता है। बड़े परिवारों में तो यह आंकड़ा और अधिक हो जाता है।
•        अच्छे पाइप, टोंटी, टंकी और इसके ज्वाइंट का प्रयोग न करने से सैकड़ों गैलन पानी नष्ट हो जाता है।

आपको चाहिए स्वच्छ जल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया के अधिकतर लोगों को पीने योग्य पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है। इन जगहों पर मिलने वाला पानी रोग जनित, रोगाणुयुक्त या जहरीले तत्वों से प्रभावित है। आपको यह जानकर हैरत होगी कि हमारे देश में सबसे अधिक लोग हैं जिन्हें  स्वच्छ जल नहीं मिल रहा है। इनकी संख्या करीब-करीब 7.6 करोड़ है, जो आने वाले दिनों में और बढ़ जाएगी। आप यह जानकर चौक जाएंगे कि भारत में 73 प्रतिशत भूमिगत जल का हमने दोहन कर लिया है। यानी हम भरण क्षमता से अधिक जल का उपयोग कर आने वाले भविष्य के लिए खतरे की घंटी बजा चुके हैं। आपको बता दें कि स्वच्छ जल के महत्वपूर्ण स्रोत हमारी छोटी-बड़ी नदियां और जलधाराएं या तो सूख चुकी हैं या सूखने के कगार पर हैं। हम बारिश के पानी का 12वां हिस्सा ही संचित कर पा रहे हैं। आपको पता है कि भूमिगत जल से हमारी पेयजल जरूरत का 85 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है। वहीं भारत के 56 फीसदी जमीन से भूमिगत जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।  


समझदारी से समस्या हल होगी
•        सफाई करने के यंत्र, मोटर तेल, बैटरी, खाद, कीटनाशक, औषधि इत्यादि को उचित ढंग से नष्ट करें।
•        प्लास्टिक का प्रयोग बिल्कुल न करें। इसे इधर-उधर तो भूलकर भी न फेंकें।
•        परिवार में पानी बचाने के नियम का दृढ़ता से पालन करें।
•        वाशिंग मशीन, सब्जी व फल धुलने से निकले जल को बगीचे में प्रयोग करें।
•        शावर से गर्म पानी आने से पहले ठंडे पानी को नाली में बहने से रोकें।
•        जल संरक्षण का यंत्र लगवा सकते हैं। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कुछ नगर पा‍लिकाएं विशेष योजनाएं भी चला रही हैं।

इस बात का ख्याल रखें
•        संग्रहित जल में मच्छ‍र इत्यादि न पनपे इसका ख्याल रखें।
•        साबुन वाले पानी को बाग में डालने से पहले समझ लें कि पौधे को वह नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा।
•        खाद्य पौधों में साबुन वाला पानी बिल्कुल न डालें।
•        वर्षा के पानी के संग्रह से पहले कानून व क्षेत्रिय स्थिति को जरूर समझ लें।


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1-        प्यूरीफायर के पानी को बहने से रोकें
आप जब भी अपने प्यूरीफायर से पानी निकालते हैं, इससे कई लीटर अन्‍य जल बह जाता है। ऐसे में इस पानी को आप कपड़ा व बर्तन धोने, शौचालय या पौधों में देने के उपयोग में ला सकते हैं। याद रखें यह पानी बह गया तो सिर्फ बर्बाद होगा और आने वाली पीढि़यों को जल से सींचित करना है तो पानी का संरक्षण करना बहुत जरूरी है।

2-        सेविंग के वक्त पानी को सेव करें
कई बार आप सेविंग करते वक्त या ब्रस करते समय नल खुला छोड़ देते हैं। ऐसे में इस दौरान काफी मात्रा में बहुमूल्य पानी नाली में बह जाता है। यह पानी किसी जरूरतमंद के यूज में आ सकता था, पर आपकी लापरवाही के चलते वह बर्बाद हो जाता हैै। ऐसे में आपकी एक समझदारी कीमती पानी को बचा सकती है।

3-        पौधों में वाटर कैनन से पानी दें
   पौधों में पानी सिर्फ वाटर कैनन के माध्यम से ही डालें। पाइप से सीधे पानी डालने पर काफी मात्रा में जल इधर-उधर बह जाता है। ऐसे में वह वास्प  बनकर उड़ जाता है और किसी यूज में वह नहीं आता। ऐसे में आपकी थोड़ी समझदारी सैकड़ों गैलन पानी को बचा सकती है।

4- किचन में इन बातों का ख्याल रखें
बर्तन धुलना हो या सब्जी और फल। कभी भी इसे सीधे नल से न धाएं। आप सीधे नल से जब इसे धोती हैं तो एक हफ्ते में सैकड़ों लीटर जल बर्बाद कर देती हैं। ऐसे में आप चाहें तो किसी पात्र में पानी रखकर इसके बाद फल, सब्जी और अनाज को धो सकती हैं।

5 – पाइप को रिसने से रोकें
सबसे पहले तो अपने घर में पानी की पाइप हमेंशा अच्छी गुणवत्ता वाला ही लगाएं। इसकी गुणवत्‍ता यदि खराब रही तो यह जल्द टूट-फूट जाएगी और इसके रिसने से हजारों गैलन पानी बर्बाद हो सकता है। ऐसे में आपकी समझदारी आपको एक जिम्मेदार नागरिक बनाती है।

6- नल से बहने न दें फालतू पानीं  
कई बार कमजोर पाइप,ज्‍वाइंटर और निम्नगुणवत्ता के नल लगाने के चलते आपको कुछ ही वक्त बाद पानी रिसने की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में शुरू में ही अच्छे पाइप और नल को घर में लगाएं और इस समस्या को दूर रखकर जल संरक्षण में अपनी अहम भूमिका को निभाएं।  

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