बदलाव से जीवन को बनाएं सुंदर, आसान और सुरक्षित


सर्दियां चुकी हैं। हम खुद को सुंदर, सुरक्षित और व्‍यवस्थित रखने में जुट गए हैं। ऐसे में हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होने वाली वस्‍तुओं व तकनीकों में आ रहे बदलाव को भी समझना होगा, ताकि हम जीवन को सुगम और व्यवस्थित बना सकें। इस मौसम में स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी खुद का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। ऐसे में कुछ खुद में और कुछ तकनीकी बदलाव को अपनाकर आप अपने जीवन को स्‍वस्‍थ, सुंदर, आसान और सुरक्षित बना सकते हैं। आइए जानते हैं आज के दौर में वह कौन से बदलाव हैं, जिन्‍हें अपनाकर आप उनका लाभ उठा सकते हैं।
               
      ठंड आते ही हम इससे बचाव के तरीकों में जुट जाते हैं। ऐसे में सबसे पहले अपने शरीर को ढंकते हैं ताकि बीमार न हों। इसके अलावा ढेरों अन्‍य जतन भी करते हैं। इस मौसम में प्यास के बराबर ही लगती है, ऐसे में समय-समय पर पानी पीना काफी जरूरी हो जाता है। इस मौसम में यदि आप 8 से 9 ग्‍लास पानी प्रतिदिन नहीं पी रहे तो आपकी पाचन क्रिया प्रभावित हो जाएगी। इस मौसम में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने का खतरा ज्‍यादा होता है, क्‍योंकि आप हलाव, पराठे, मिठाई व मसालेदार भोजन पर ज्‍यादा जोर देते हैं। ऐसे में इससे संभलकर रहें। त्‍वचा की नमी के लिए तेल या चिपचिता क्रीम प्रयोग कर रहे हैं तो यह भी समझ लें कि इस पर धूल, मिट्टी व कीटाणु बैठकर आपको नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बचने के लिए हाथ-पैर धोकर ही कुछ भी खाएं और बिस्‍तर में घुसें। इस मौसम में आइसक्रीम जैसी ठंढी चीजें गले व शरीर के अंदर संक्रमण का जरिया बन सकती हैं। ऐसे में अपने रहन-सहन, खान-पान व कॉस्‍मेटिक प्रोडक्‍ट को लेकर सचेत रहें और अपना पूरा ख्‍याल रखें।

इन रोगों का रहता है डर
ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम, गले में सूजन आदि समस्‍याएं जन्‍म लेती हैं। इसके अलावा दमा के रोगियों को दम घुटने, सांस फूलने जैसी समस्‍याएं होती हैं। ऐसे में थोड़ा सा खुद का ध्‍यान रखने से आप स्‍वस्‍थ रह सकते हैं।
·         दमा : ठंढी हवाएं दमा रोगियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती हैं। ऐसे में गर्म बिस्‍तर से तुरंत ठंडी हवा में न आएं। अपने खान-पान को ठीक रखें। भरपूर नींद लें और व्‍यायाम जरूर करें।
·         जुकाम व खासी : मौसम के अनुरूप अपने शरीर के तापमान का ख्‍याल रखें। मौसमी सब्जियां और फल जरूर खाएं। योग व व्‍यायाम को जीवन का हिस्‍सा बना लें।
·         अस्‍थमा : सर्दी अस्‍थमा रोगियों के लिए काफी नुकसानदेह होती है। इस दौरान फेफड़ों के वायरस की चपेट में आने का खतरा बना रहता है, जो अस्‍थमा को बढ़ा देते हैं। ऐसे में अस्‍थमा रोगी इनहेलर और नैजल स्‍प्रे आदि का नियमित इस्‍तेमाल करते रहें। कोहरे से जितना हो सके बच के ही रहें। गर्म व सर्द वातावरण में तुरंत आने-जाने से बचें।
·         ब्रोंकाइटिस :  हर उम्र वर्ग को प्रभावित करने वाला ब्रोंकाइटिस फेफड़े को संक्रमित कर श्‍वांस रोग का रूप ले लेता है। यह बच्‍चों में फ्लू, खासी व सांस लेने में घबराहट के तौर पर दिखता है। यह निमोनिया के लिए अतिसंवेदनशील है। ऐसे में इन मरीजों को ठंड से बचकर रहना बहुत जरूरी हो जाता है।
·         गठिया : सर्दी आते ही हडि्डयों का दर्द अपने आप सताने लगता है। ऐसे में गठिया के मरीजों की परेशानी काफी बढ़ जाती है। यही नहीं, कुछ दिनों बाद शरीर की मांसपेशियां भी तंग होने लगती हैं। ऐसे में कमर, गर्दन, कंधा और शरीर के अन्‍य हिस्‍से दर्द से कराहने लगते हैं। ऐसे में शरीर को गर्म रखकर ही इससे आप बच सकते हैं। प्रभावित जगहों की सिकाई भी इसमें कारगर उपाय है।  
·         हृदय रोग : सर्दियों में अक्‍सर रक्‍त वहिनियां सिकुड़ जाती हैं और ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में आपके दिल को इस मौसम में कई गुना अधिक काम करना पड़ जाता है। ऐसे में अतिरिक्‍त दबाव के चलते हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों में डायबिटीज के मरीजों में दिल और मस्तिष्‍क आघात का खतरा अधिक होता है। ऐसे में इन मरीजों को ठंडी में अपना पूरा ख्‍याल रखने की आवश्‍यकता है।  

सतर्कता ही बचाव है
·         नमी के स्‍तर को बनाए रखने और शरीर में जल की कमी न होने के लिए पानी पीते रहें। पानी की कमी के चलते इस मौसम में त्‍वचा, नाक, फेफड़े के म्‍यूकस मेब्रेन में सूखापन आ जाता है। ऐसे में ठंडी में 8 ग्‍लास पानी जरूर पियें। इसे आप सूप, दूध व हर्बल चाय आदि गरम तरल पदार्थ के तौर पर ले सकते हैं।
·         सर्दी में शरीर को गर्म रखने के लिए हर रोज व्‍यायाम और योग जरूर करें। बच्‍चों के साथ शारीरीक दौड़ और धरपकड़ वाले खेल खेल सकते हैं। क्रिकेट, बॉलीबॉल व बैडमिंटन इस मौसम में आपके लिए फायदेमंद खेल हैं।
·         इस मौसम में कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। इस मौसम में महिलाओं को अपने इम्‍यून सिस्‍टम और संक्रमण से बचाव को लेकर सतर्क रहने की काफी जरूरत होती है। वहीं साफ हवा के लिए मास्‍क व एयर प्‍यूरीफायर का प्रयोग करें। 
·         ठंडी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए पर्याप्‍त व उपयोगी आहार का लेना जरूरी होता है। विटामिन ए, सी और ई युक्‍त मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें। दाल व सोयाबीन जरूर खाएं।
·         इस मौसम में भी जब खाना खाने या नाश्‍ता करने जाएं तो हाथों को जरूर धो लें।
·         सर्दियों में लहसुन, ड्राईफ्रूट, मक्‍के व बाजरे की रोटी, गुण, दूध, घी इत्‍यादि का सेवन हर रोज करें।
·         अदरक में हीलिंग गुण होता है जो पांचन तंत्र को दुरुस्‍त रखता है। यह जोड़ों के दर्द से भी आराम देता है, वहीं इसमें मौजूद एंटी-ट्यूसिव के गुण खासी से बचाव करता है। 
·         हल्‍दी में मौजूद कुरकुमिन सर्दियों में सूजन और जोड़ों के दर्द को दूर रखते हैं। ऐसे में दूध के साथ हल्‍दी का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद है।

तकनीकी बदलाव को अपना सहज बनाएं जीवन
·         एयर प्‍यूरीफायर से प्रदूषण को दें मात
आपको मालूम ही होगा कि विश्‍व के शीर्ष प्रदूषित शहरों में 14 शहर भारत के हैं।  ऐसे में धूल और प्रदूषण से बचने के लिए आज एयर प्यूरीफायर एक उपयोगी वस्तु के तौर पर हमारे जीवन में दाखिल हो गया है। कुछ वक् पहले रास्ते पर रहने वाले प्रदूषण से बचने के लिए हिजाब सामान् मास् काफी थे। समय के साथ ही मास् की गुणवत्ता और क्षमता में भी इजाफा हुआ। आज ऐसे मास् भी बाजार में रहे हैं जो पीएम 2.5, पीएम 10, वीओसी एनओ 2 स्‍तर पर भी दक्षता के साथ काम कर रहे हैं। लेकिन, घर के अंदर का भी ख्‍याल रखना हमारी जिम्‍मेदारी है। ऐसे में एयर प्‍यूरीफायर की उपयोगिता बढ़ जाती है। आज हमारे महानगरों में प्रदूषण की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि बाजार में उच्‍च गुणवत्‍ता युक्‍त एयर प्‍यूरीफायर आने लगे हैं। कई प्‍यूरीफायर तो मौसम के साथ आपके रूम के तापमान को भी कंट्रोल करते हैं। गर्मी में ये ठंडक और सर्दी में गर्मी का अहसास कराते हुए हवा को शुद्ध कर रहे हैं। ये हवा में मौजूद कणों व गैसों की स्थिति का पता कर शोधन भी करते हैं। आपको एलर्जी से सुरक्षा देते हैं। इसमें दिन और रात के आधार पर रिमोट कंट्रोल से संचालित सुविधाएं भी अब आ रही हैं, जो आपको स्‍वच्‍छ हवा और निश्चिंतता प्रदान करती हैं।

·         रूम हीटर भी हुए स्‍मार्ट
एक वक्‍त था जब आप खाना बनाने और अपने कमरे को गर्म रखने के लिए सामान्‍य हीटर का प्रयोग करते थे। वक्‍त के साथ भोजन पकाने के लिए इंडक्‍शन ने हीटर की जगह लेकर आपको सुरक्षित माहौल दिया। आज कई विविधताओं से युक्‍त इंडक्‍शन बाजार में आने लगे हैं। रूम को गरम करने के लिए हम हीटर का प्रयोग करते हैं जो 400 से 2000 वाट क्षमता के चलते महंगा विकल्‍प है। ऐसे में कुछ ही वक्‍त के बाद सामान्‍य हीटर से इंसानों के लिए आदर्श एवं आरामदायक थर्मल तापमान 25 डिग्री सेंटीग्रेट प्रभावित होने लगती है, जो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है। उपभोक्‍ताओं की इन्‍हीं दिक्‍कतों को समझते हुए बाजार में आज निम्‍न व तापमान कंट्रोल करने के गुण से युक्‍त अत्‍याधुनिक हीटर आने लगे हैं। इसके कारण बिजली की खपत भी कम हुई है। इसी क्रम में आज थर्मोस्‍टेट हीटर पसंदीदा विकल्‍प बनकर सामने आया है। यह एक विशेष तापमान बनाने के बाद स्‍वत: बिजली की खपत को बंद कर देता है। इसके अलावा थर्मोस्‍टेट हीटर रूम को चारों तरफ से बराबर गर्म करता है, ताकि आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर न पड़े। ऐसे में आपकी जरूरत को पूरा करते हुए आज के अत्‍याधुनिक हीटर आपके बिल को भी बढ़ने से रोकते हैं।  
   
·         एसी से लें ठंडी और गर्म दोनों हवा
आपकी जरूरत और भारत में मौसम के आधार पर आज कंपनियां एयर कंडीशन भी बहुउपयोगी बना रही हैं। कई प्रोडक्‍ट एक कमरे में रखने या लगाने में दिक्‍कत होती है। ऐसे में आज के अत्‍याधुनिक एसी सर्दी में गर्म हवा और गर्मी में ठंडी हवा देने योग्‍य आने लगे हैं। इसके अलावा प्रदूषण के प्रकोप को ध्‍यान में रखते हुए कुछ कंपनियां इसमें एयर प्‍यूरीफायर की क्षमता भी इंस्‍टॉल कर रही हैं, ताकि आपको हर चीज के लिए अलग-अलग मशीन न खरीदनी पड़े। ऑल वेदर कैटेगरी के ये एसी आपको मौसम के बदलाव के साथ अच्‍छा वातावरण प्रदान करती हैं।

गीजर से दूर भगाएं सर्दी
ठंडी के आते ही बाजार और ऑनलाइन वेबसाइटों पर तमाम कंपनियां गीजर पर ढेरों ऑफर देना शुरू कर देती हैं। ऐसे में आप ऑफर के साथ ही अपनी जरूरत को याद रखकर ही गीजर खरीदें। यह तो एकदम सही है कि गीजर और वाटर हीटर आज की दिनचर्या में हमारे लिए काफी अहम हो चुके हैं। लेकिन, इस दौरान हमें यह भी देखना होगा कि गीजर ज्‍यादा बिजली खाने वाला न हो और तेजी के साथ पानी को गर्म कर देता हो। ऐसे में ट्रेडिशनल की बजाय टैंकलेस वॉटर गीजर अच्‍छा विकल्‍प है। कम जगह में ज्‍यादा काम हमारी आज की प्राथमिकता है। टैंकलेस वॉटर हीटर दो दशकों तक आपका साथ निभाते हैं। इसके अलावा वर्तमान में मल्टीपल सेफ्टी फीचर के साथ गीजर आ रहे हैं। ऐसे में परिवार की संख्‍या और घर में जगह के आधार पर आप गीजर का चुनाव कर सकते हैं। 

   


 ·         बॉडी केयर प्रोडक्‍ट के गुण हों विशेष
ठंडियों में सर्द हवा से आपकी त्वचा रूखी बेजान होने लगती है। यहां तक की आपके बाल भी दो मूंहे रूखे हो झड़ने लगते हैं। ऐसे में बाजार में आपके लिए ढेरों कॉस्मेटिक प्रोडक् उपलब् हैं, जो आपकी इन समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाएं गए हैं। ये प्रोडक् आपकी त्वचा में नमी बनाएं रखते हैं। इसके अलावा ये आयुर्वेदिक मेडिकेटेड फॉर्म में भी उपलब् हैं, जो आपकी त्वचा से संबंधित बीमारी, खुजली संक्रमण से आपको सुरक्षा प्रदान करते हैं। आज आपके चेहरे की कोमलता को ध्यान में रखकर शहद ढेरों गुणों से युक् फेस वॉश बाजार में उपलब् हैं। वहीं आपके होठों पर मुस्कान और नमी को ध्‍यान में रखते हुए कलर टोन को लाइट करने वाले लिप गार्ड भी उपलब् हैं।  
 एप्रीकॉट युक्‍त बॉडी लोशन आपकी त्‍वचा को मुलायम व चमकदार बनाए रखने में कारगर हैं। ऐसे में आज ढेरों कंपनियां आयुर्वेद व प्रकृति की महत्‍ता को समझ अपने प्रोडक्‍ट लॉन्‍च कर रही हैं। वहीं कोकोनट युक्‍त प्रोडक्‍ट तो किसी भी मौसम में आपकी त्‍वचा और बालों के लिए वरदान है। शायद यही वजह है कि हर कंपनी नारीयल के गुणों को समझ अपने प्रोडक्‍ट में इसका प्रयोग कर रही हैं। वहीं सर्दियों में नहाने के वक्‍त बॉडी मसाज न केवल रक्‍त संचार को दुरूस्‍त करता है, बल्कि त्‍वचा की खुश्‍की को भी दूर करता है। ऐसे में एंटी एजिंग आफ्टर बाथ आयल हर घर में जरूरी हो चुका है।


·         च्‍यवनप्राश और खाद्य पदार्थ दें ताकत
ठंड के दिनों में जितना जरूरी व्यायाम योग है, उतना ही जरूरी सही और पर्याप् भोजन खाद्य पदार्थ का लेना। ऐसे में आज च्यवनप्राश एक बेहतर विकल् के तौर पर सामने आया है, जो आपको अंदर से दोगुनी ताकत प्रदान करता है। आपको सर्दी के पनपने वाले रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। च्यवनप्राश खाने से इम्यून सिस्टम तो मजबूत होता ही है, साथ ही यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। आपको दिनभर ऊर्जा प्रदान करता है। इसके अलावा ड्राई फ्रूट और उससे निर्मित खाद्य पदार्थ भी आपको अंदर से ताकत दे मजबूत बनाते हैं। आज खाद्य पदार्थ को प्रिजर्व कर या उससे निर्मित ढेरों प्रोडक् बाजार में कंपनियां ला रही हैं। ये प्रोडक् अपनी गुणवत्ता की वजह से सर्दियों के दिनों में काफी उपयोगी सिद्ध होती हैं।
·         गर्म कपड़े की गुणवत्‍ता जरूरी
सर्दियां आते ही आपकी स्मार्टनेस में भी इजाफा हो जाता है। भारत एक गर्म देश है। ऐसे में सर्दियों का मौसम ही वह वक् होता है जब आप ढेरों प्रकार के कपड़े, ब्लेजर, स्वेटर, शूट इत्यादि का प्रयोग कर अपनी पर्सनैलिटी में चार चांद लगा सकते हैं। आपकी इन्हीं बातों का ख्याल रख कंपनियां बाजार में सर्दियों के दौरान गर्म कपड़ों पर ढेरों ऑफर देती हैं। ऐसे में आपको भी इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जो कपड़ा आप खरीर रहे हैं वह आपकी त्वचा और व्यक्तित् के अनुकूल हो। बच्चों को पूरा ढकने से ज्यादा इस बात का ख्याल रखें कि उसके कपड़े सुंदर, आकर्षक और खेलते-कूदते समय कंफर्ट देने वाले हों। आज कंपनियां ऐसे गर्म कपड़े बाजार में उतार रहीं हैं, जिसे पहनने के बाद आपको अन् ढेरों कपड़े पहनने पड़े। ऐसे में मोटे दिखने का डर आपका खत् हो जाता है। वहीं ये कंपनियां आपकी स्मार्टनेस लुक का भी पूरा ख्याल रखती हैं।    

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