जैविक खाद्य पदार्थों से सेहत को सुधारें


अवसाद, कैंसर और रसायनिक भोजन के हानिकारक परिणाम का नतीजा है कि आज लोग जैविक खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता में रखते हुए अपनी रसोई में अपना रहे हैं। जैविक खाद्य पदार्थ आपको अंदर और बाहर दोनों तरफ से मजबूत व तंदरुस्‍त बनाता है। आज सामान्‍य दुकान पर भी जैविक खाद्य पदार्थ आसानी से मिलने लगे हैं। कई कंपनियां व ट्रस्‍ट ऑनलाइन भी जैविक खाद्य पदार्थ को आप तक पहुंचा रहे हैं। आपकी सेहत को ध्‍यान में रखते हुए किसानों को भी जैविक खेती और खाद्य उत्‍पादन को लेकर सरकार द्वारा प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। बदलते पर्यावरण, गंदे पानी, प्रदूषण और रसायनिक खेती के दुष्‍परिणाम का हल आज जैविक खाद्य पदार्थ को माना जा रहा है। 
       जैविक खाद्य पदार्थ बिना किसी कीट नाशक व रसायनिक उर्वरक द्वारा उगाए जाते हैं। इसके तहत प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कर पौष्टिक पदार्थों की उपज की जाती है तथा परिस्थितिकी तंत्र के संतुलन का भी ख्‍याल रखा जाता है। इसमें रसायनिक उर्वरकों का बिल्‍कुल प्रयोग नहीं किया जाता। यह सुरक्षित प्राकृतिक मानकों व तरीकों से पैदा किया जाता है तथा इसकी मूल भावना इंसानों की अच्‍छी सेहत होती है। शायद यही वजह है कि कुछ वर्षों में ही जैविक खाद्य पदार्थों को लोगों ने पसंद कर अपने जीवन में अपनाना शुरू कर दिया है। आज इसकी महत्‍ता और मांग तेजी से बढ़ी है। इसकी मांग बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है कि इसकी उपज के दौरान रसायन व कीटनाशक का प्रयोग न कर कंपोस्‍ट खाद और प्राकृतिक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। जैविक उर्वरकों के उपयोग के चलते यह हानिकारक नहीं होता है। इन खाद्य पदार्थों को स्‍वास्‍थ्‍य के विशेष मानकों पर खरा उतरना अनिवार्य होता है। जैविक खेती से पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा भी कम होती है।

स्‍वास्‍थ्य का साथी
·         जैविक फल, सब्‍जी, अनाज, दाल, दुग्‍ध उत्‍पादन और मीट की मांग बढ़ी है।
·         इसके अलावा सोडा, कुकीज और नाश्‍ते आदि के लिए खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी है।
·         आर्गेनिक दूध और मीट में काफी मात्रा में पोषक तत्‍व पाया जाता है।
·         इसमें रसायनिक त्‍त्‍वों के नुकसान का भय नहीं रहता है।
·         इसके अलाव दाल, चावल, चाय, मसाले, तेल व तिलहन पदार्थों की मांग बढ़ रही है।
·         सेव, स्‍ट्रॉबेरी, अंगूर, पालक, खीरे, चेरी, टमाटर, आलू व मिर्च इत्‍यादि जैविक तरीके से उपजीं सब्जियां स्‍वास्‍थ्‍य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

इन्‍हें अपनाकर बनें सेहतमंद  
·         जैविक सब्जियां रसायन रहित होने के कारण आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी लाभदायक हैं। आज जैविक खेती के माध्‍यम से हर मौसम की सब्जी आसानी से उपलब्‍ध है। ऐसे में आप उर्वरक रहित पालक, आलू, टमाटर, गोभी, गाजर, करेला, शिमला मिर्च और हरी मिर्च आदि खरीद सकते हैं।
·         आज हमारे देश में जैविक तरीके से उपजाए फल आसानी से आपकी पहुंच में हैं। इन्‍हें अपनाकर आप अपने शरीर में घुल रहे रसायनिक जहर को रोक सकते हैं। आज आम, अनार, केला व सेव इत्‍यादि अनेकों फल जैविक माध्‍यम से उगाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि इन जैविक फलों को पकाने के लिए असेटलीन गैर या कैल्शियम कार्बाइड का इस्‍तेमाल बिल्‍कुल नहीं किया जाता है। सबसे अच्‍छी बात यह है कि आर्गेनिक तरीके से तैयार ये फल रसायनिक माध्‍यम से उपजे फलों से काफी स्‍वादिष्‍ट और गुणवान होते हैं।  
·         आज आपके पास के जनरल स्‍टोर, एप और वेबसाइटों पर जैविक अनाज उपलब्‍ध हैं। इसकी गुणवत्‍ता की वजह से लोगों में मांग भी बढ़ रही है। जैविक चावल, दाल, गेहूं, बाजरा, मक्‍का इत्‍यादि अपनाकर लोग अपने स्‍वास्‍थ को बेहतर कर रहे हैं। इसमें रसायनिक तत्‍वों का बिल्‍कुल उपयोग नहीं किया जाता। कीटनाशक की जगह कंपोस्‍ट व जैविक खाद का इस्‍तेमाल होता है।  
·         ये तो आपको पता ही है कि दाल में प्रोटीन और अन्‍य जरूरी तत्‍व काफी मात्रा में होते हैं। लेकिन, रसायनिक उर्वरकों के कारण आज यह भी घातक हो गया है। ऐसे में जैविक मूंग, दाल, चला, तूर, उड़द, अरहर और राजमा इत्‍यादि पदार्थ आपके इस डर को दरकिनार कर बेहतर सेहत और ताकत देते हैं। जैविक दालें ज्‍यादा स्‍वादिष्‍ट और पोषण युक्‍त होती हैं। इसको पकाने के बाद इसकी सुगंध भी आकर्षक होती है। 
·         दूध की महत्‍ता तो हम सभी जानते हैं। पर यह मालूम चले कि आप जो दूध पी रहे हैं, उसे ग्रोथ हार्मोनया, एंटिबोटिक्‍स या अन्‍य दवाओं के माध्‍यम से बढ़ाया या निकाला गया है तो आपके होश उड़ जाएंगे। यह आपकी सेहत को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। ऐसे में जैविक दूध और दुग्‍ध पदार्थ आपकी सेहत के सबसे अच्‍छे साथी हैं। यह गायों को जैविक उत्‍पाद खिलाकर या प्राकृतिक रूप से बड़ा कर प्राप्‍त किया जाता है। इसमें यह तय किया जाता है कि कोई हानिकारक रसायन न प्राप्‍त हो।
·         आज मुर्गियों को प्राकृतिक आहार देकर अंडे प्राप्‍त किए जाते हैं। इन जैविक रूप से प्राप्‍त अंडों में एंटीबायोटिक्‍स, रसायन इत्‍यादि नुकसानदेह तत्‍व नहीं मिलते। यह मुर्गियां पिजरे में बिल्‍कुल नहीं रखीं जातीं।
·         जैविक मीट ऐसे पशुओं से प्राप्‍त किया जाता है जिनको बिना दवा, रेडिएशन या अप्राकृतिक तरीके से पाला गया हो। ये घास, अनाज, बीज व हरी पत्‍तेदार सब्जियां इत्‍यादि खाते हैं। इन जैविक मीट में ओमेगा 3 और अन्‍य ढेरों पोषक तत्‍व प्राप्‍त होते हैं। ये गैर जैविक मीट से कहीं बेहतर और पौष्टिक होते हैं।
·         आज जैविक पदार्थों की मांग इतनी बढ़ गई है कि बाजार में इससे संबंधित ढेरों पेय पदार्थ भी मिलने लगे हैं। वो चाहे आर्गेनिक चाय हो या कॉफी, जलजीरा, आम पन्ना, निंबू पानी, गन्ने का रस आदि हों। आर्गेनिक चाय आज योग और व्‍यायाम इतना ही महत्‍वपूर्ण पेय पदार्थ बन चुका है। आज यह हर घर की पहली मसंद के तौर पर खरीदा जा रहा है। इसे पारंपरिक तरीके से प्राप्‍त किया जाता है। इन चाय के पौधों की रक्षा के लिए गो-मूत्र का प्रयोग किया जाता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पतझड़ सा मैं बिखर जाऊंगा

सही-गलत part 1

प्रेस वहीं जो सिलवटों को प्‍यार से दूर करे