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कल्‍पनाओं से भी खूबसूरत है यह जगह, क्‍या आप जानते हैं इसे

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मेघालय व्‍यू प्‍वाइंट। आदित्‍य देव पांडेेेय। हरे भरे जंगलों से पटा भारत का बेहद खूबसूरत यह राज्‍य आपको हर बिंदु को निहारने के लिए मजबूर कर देता है। विश्‍व के सबसे सुंदरतम जगहों में से एक जगह है यह राज्‍य। यहां का पर्यावरण, मौसम, तापमान, झील, झरने, जंगल, नदि और बादलों का झुंड आपको अपनी तरफ खींचता है। आइए जानते हैं इस जगह पर कैसे पहुंच सकते हैं और क्‍या क्‍या घूम सकते हैं। बादलों से घिरा हमारा प्‍यारा मेघालय भारत के मनोरम राज्‍यों में सर्वोपरि है। यहां आप बादलों के बीच, बादलों के साथ वक्‍त बिता सकते हैं। इसके अलावा चेरापूंजी के बीच बारिश का वो अनंत चलने वाला सि‍लसिला आपके हृदय और स्‍मरणों में हमेंशा हमेंशा के लिए बैठ जाता है। इसे इसकी खूबसूरती के कारण ही विश्‍व के पर्यटक पूर्व का स्‍कॉटलैंड कहकर पुकारते हैं। मां कामाख्‍या धाम मंदिर। आदित्‍य देव पांडेय। उमानाथ मंदिर। आदित्‍य देव पांडेय। गुहाटी से शुरू करें यात्रा : मेघायल की बनावट के कारण यहां अभी तक कोई भी हवाई अड्डा नहीं है। लेकिन, मेघालय की राजधानी से 128 किलोमीटर दूरी पर बसी है असम की राजधानी दिसपुर ...

तुम पुत्र वत्‍सला हो

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हमारी बड़ी माता जी स्‍व. श्रीमति विमला पांडेय। स्‍मरणों के कुहरे में रिश्‍ते की तुम गर्माहट हो प्रेम , त्‍याग , मनोरथ की तुम तो अभिलाषा हो।। तेरे आंचल की छाया ने हमको पाला हमको पोसा तेरे चरणों के रज ने ही हमारे मन वैभव को सींचा।। तुम कर्म साध्‍वी , धर्म वैभवी , हम सब की प्रिय माता हो तुमने प्‍यार के रज्‍जू से हमें बांधा , तुम तो चांद सितारा हो।। हर रोशनी को हम सब में बराबर बांटा किरणों सा उज्‍ज्‍वल किया हमारा जीवन। मिलकर चलना सिखलाया बस कर दिया हम पर अपने को पूर्ण समर्पण।। कर्मठता का होती है हमने जाना तुमको पाकर निरंतरता को समझा तुम्‍हारे साथ वक्‍त बिताकर। तुम अनसुइया , सति-सवित्री , तुम पुत्र वत्‍सला हो तुम्‍हारे चरणों के हम दास तुमसे ही मानवता को सीखा है।। स्‍मरणों के कुहरे में रिश्‍ते की तुम गर्माहट हो प्रेम , त्‍याग , मनोरथ की तुम तो अभिलाषा हो।।

अंजोरिया उड़वलस अंखियन के पानी

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नागबासुकी, बक्‍सी कला, दारागंज, प्रयागराज ढीठ अंहरिया निनिया चुरवलस, अंजोरिया उड़वलस अंखियां के पानी। गर्दिश में जिनगी परल, आन्‍हींं बिच गर्दा बन उड़ल हमार जिनगानी।। सांसियां के चादर ओढ़ दरद सतावे, दिन इ बरिस भइल छन छन हमके सतावे।। नजरिया अब पागल भइल, खुशी खातिर अपनन की ओर रही रही केे ताके।। जिनगी केे भंंवर ह ई, एकरा मेें फंसे जे फिर न कभी बच पाए। अपनन में धोखा खाए, तबो प्रीत खा‍तिर ई ददे दरे एनी ओनी भागे।। संसियां  हैरान बा, मनवा परेशान बा बुझे  जे के भी बढ़े ओके समझ न ही पाए।। स्‍‍‍‍वार्थ के साथ बा, परमारथ बीमार बाद तबो मीठ बतिया मेें कांंहें इ मन फंस जाए।। दे देे दिलासा अब तहसे रखी खलसा आशा अब, दर्द  के दवा हउव, तहरे से सुुुुनी सब सुख पाए। मंजिल दिखा द तूं अब, सपना पुरा द अब, तहरे संंगे अब  इ मन अब सुख चैैैन पाए।। सपने के साथ बा, अपनन के हाथ बा। लड़ेे के जज्‍‍‍‍बे से ही त ओठवां पे मुस्‍कान बा।।

बिहारियों के बारे में वो बातें जिसे आपको जरूर जानना चाहिए

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ADITYA DEV AND RAJAN KUMAR IN VALMIKI NAGAR PARK बिहार को लेकर अन्‍य राज्‍यों में निश्चित ही गरीब, मजदूर, अपराधी वाली समझ बनी रहती है। भरोसा हो या कोई काम पूरा न हो तो बिहारी है क्‍या, का ताना लोग सामने वाले को दे देते हैैं। भले वह बिहार का न हो। न हिंदी न इंग्लिस बोलने जिसे आए उसे आसानी से बिहारी समझने लगते हैैंं। पर, बिहारी मतलब गर्व है। इसका वर्तमान उदाहरण तो आपको केबीसी के मंच पर ही बिहारियों ने दिखा दिया है। अधिकतर विजेता इसी भूू‍मि रज के राजा हैं। अत: ज्ञान, समझ, बुद्धि और यश में तो इनका तोड़ ही नहीं। आज ये आईएएस, आईपीएस, एम्‍स, मेडिकल, आईटी और अनेकों मल्टिनेशनल कंपनियों में अपनेे कौशल से लोहा मनवा रहे हैं। अत: ये यशस्‍वी बिहार के महान नागरिक विश्‍व में अपने ज्ञान, संपदा और कौशल से छा चुके हैं। अपराध की बात करें तो निश्चित कुछ चंद लोगों के दिमाग में बल, बंदूक और बर्बादी का कब्‍जा है। किंन्तुं यहां की जनता गौतमबुद्ध, महावीर और गुरुगोविंद सिंह को अपना पूज्‍य मानती हैैै। यहां की उमड़ती नदियों ने यहां केे लोगों को धैर्य का ज्ञान दिया। हर कदम पर यहां केे बच्‍चों को मजबूत क...