मोटापे पर भ्रम नहीं सही हल की जरूरत

आदित्‍य देव
मोटापे पर भ्रम नहीं सही हल की जरूरत

स्वस्थ रहने के लिए हम आखिरकार क्या-क्या नहीं करते हैं। अच्छा खाना खाने पर जोर देते हैं। समय पर सोने और जगने का ध्यान रखते हैं। पानी की शुद्धता का हमेंशा ख्याल रखते हैं। यह सब निश्चित ही हमारी सेहत के लिए अच्छा है। पर कुछ ऐसा भी करते हैं जिसे हरगिज नहीं करना चाहिए। हम करिश्माई तरीके से मोटापा कम करने के जहां कहीं भी दावे देखते हैं या सुनते हैं, तुरंत उसे अमल में लाने लगते हैं। हम यह भी नहीं सोचते कि इसकी प्रमाणिकता या वैज्ञानिकता कितनी है। ऐसे में सबसे पहले तो यह जान लें कि मोटापा कोई बीमारी नहीं है। इसे चिकित्सकों के परामर्श, योग, व्यायाम, श्रम और अच्छे खानपान से खत्म किया जा सकता है।

     चिकित्सकों का कहना है कि मोटापे का प्रकोप आज तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसके चलते अन्य स्वास्थ्य संबंधि दिक्कतें भी आने लगी हैं। कई डॉक्टरों का मानना है कि प्राकृतिक तरीके से वजन घटाने के कुछ कार्यक्रमों को छोड़ दें तो अधिकतर कार्यक्रम पूर्ण अप्रभावी हैं। अपने भारत में भी मोटापा एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। यह हृदय रोग, किडनी की दिक्कत, ब्लड प्रेशर, शुगर के साथ कैंसर तक को न्योता दे रहा है। ऐसे में आप चाहें तो किसी पोषण विशेषज्ञ की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से वर्जिश को अंजाम दे सकते हैं। इससे आपको लाभ पहुंचेगा। आपको जानकर हैरत होगी कि विश्व में हर साल 28 लाख लोगों की मौत वजन बढ़ने या मोटापे के कारण होती है।

ये दिक्कतें आ रहीं
- ब्लड प्रेशर
- तनाव
- हृदय रोग
- डायबिटीज
- कोलेस्ट्रोल
- कैंसर

लाइफ स्टाइल ने किया तंग
मोटापे का मुख्य कारण फास्ट फूड और बदलती लाइफ स्टाइल को आज देखा जा रहा है। गांवों की अपेक्षा शहर के लोग अधिक बीमार होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण बदलती जीवनशैली और खानपान है। यहां हैरत की बात यह है कि शहरी लोगों की दिनचर्या नियमित होती है फिर भी वे शारीरिक गतिविधियां कम होने के कारण इसकी चपेट में आ जाते हैं। वहीं फास्ट फूड का अधिक प्रयोग और श्रम का कम होना भी लोगों को बीमार कर रहा है। वहीं तला-भुना भोजन किसी घातक तत्व से कम नहीं है।

अपना ख्याल रखें

- साफ-सुथरा और पौष्टिक खाना खाएं
- स्ट्रीट फूड को नजरअंदाज कर दें
- मसालेदार भोजन से परहेज करें
- नाश्ते और भोजन का वक्त तय कर लें
- सुबह देर तक भूखे बिल्कुल भी न रहें
- रात में सोने से दो घंटे पहले खाना खा लें
- सब्जियां और फल हमेंशा खाएं
- व्यायाम और योग नियमित जरूर करें

हमेशा सकारात्मक सोचें
दुनिया के सभी विशेषज्ञ यह मानते हैं कि सकारात्मक दृष्टिकोण हर मर्ज का सबसे बढ़ियां समाधान है। भारत के शहरी इलाकों में मोटापे की दिक्कत ज्यादा नजर आती है। इसका सबसे बड़ा कारण यहां के लोगों द्वारा तनाव का लेना और अनियमित जीवनशैली को माना जाता है। आपको बता दें कि अमेरिका में करीब तीन-चौथाई पुरुष और 60 प्रतिशत महिलाएं मोटापे की शिकार हैं। वहीं 60 प्रतिशत ब्रिटिश वयस्क भी इस दिक्कत से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों में अधिकांश वयस्क अवसाद, हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह टाइप टू, कुछ प्रकार के कैंसर और असमय मौत के ऊंचे जोखिम से त्रस्त हैं। इससे बचने के लिए डायटिशियन अधिक शाकाहार, कम मांस, कम चीनी और कम वसा का सेवन करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे में अब आपको भी सचेत हो जाने की आवश्यकता है। क्योंकि आपकी सतर्क ही बचाव है।

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