भगवद गीता पढ़ने से क्‍यों बदल जाती है जिंदगी

Aditya Dev /आदित्‍य देव
भगवत गीता यानी दुनिया के भ्रम की दवा। समाज में प्रेम और स्‍वयं से स्‍नेह की औषधि। हमारे जेहन में ईश्‍वर, मानव, प्रकृति, प्रेम, द्वेश, अपना-पराया, आत्‍मा-परमात्‍मा, धन, मन, कर्म, वचन इत्‍यादि से संबंधित प्रश्‍न जन्‍म लेते हैैं, सबका जवाय इसमें है। स्टिफेन होकिंस, जुकर बर्ग, बिल गेट्स, पंडित नेहरू, महात्‍मा गांधी, एपीजे अब्‍दूल कलाम इत्‍यादि जितने भी विचारक और वैज्ञानिक हैंं, वह गीता को एक बार नहीं कई बार पढ़े। इसे अपने साथियों को उपहार भी देते। इसे पढ़ने के बाद व्‍यक्ति की भाषा, बोली, व्‍यवहार, विचार, समझ सबकुछ वैज्ञानिक और प्रबुद्ध स्‍तर की हो जाती हैैै। इसमें दुनिया के सभी धर्मों और पंथों के भावार्थ का सत्‍य समाहित है। यह वास्‍तव में मानवता की आत्‍मा हैैै। यह जीवन का वास्‍तविक सार। इसे पढ़कर भी आपमें क्रोध और इर्ष्‍या है तो इसका अभिप्राय है‍ कि आपने इसके सिर्फ पन्‍ने गिने हैं। दुनिया में कोई भी वैज्ञानिक, विचारक व धर्मगुरु इसका कभी तिरस्‍कार नहीं कर सका। इसकी प्रेरक, गूढ़़ व रहस्‍यपूर्ण बातेंं इंसान को इश्‍वर के करीब कर देती हैैंं। इसके बाद वह जिहाद नहीं सिर्फ अहिंसा,त्‍याग, करूणा, प्रेम, अपनत्‍व, वसुधैव कुटुंबकम इत्‍यादि भावों का आनंत लेता है। उसे मालूम चल जाता हैै कि दुनिया में वास्‍तविक धर्म क्‍या हैैै। धर्म की रक्षा के लिए बंदूक उठाने की जरूरत नहीं, क्‍योंकि धर्म इंसान व जीवों को रक्षा का मार्ग बताता हैैै। हत्‍या का नहीं। धर्म कभी नष्‍ट नहीं होता। धर्म मानव व्‍यवहार और कर्तव्‍यों से प्रतिबिंबित होता हैैै। यह न घुटने टेकने, हथेली फैलाने व अगरबत्‍ती दिखाने से समझा जाता हैैै। मूर्ख इंसान आडंबर, कहावत, रूढिवाद और कातिल कस्‍टम को अंगिकार हर अपराधी, हत्‍यारे, बलात्‍कारी, धोखेबाज, आतंकवादी, क्षेत्रवादी, जातिवादी, धर्मवादी बन विश्‍व व मानव सभ्‍यता के दुश्‍मन बन जाते हैैं। गीता का ज्ञान यही है कि आप इन सभी व्‍याधियों से दूर हो जाएंगेेे। जैसे समाज में बाल विवाह, विधवा विवाह, बलि प्रथा को लेेेेक र विचार बदले, वैसे ही आज कुछ पंथों, धर्माव‍लंबियों व धर्म का भी खुद को गुरु बताने वाले इंसानों को बदलने की जरूरत हैैै। ये न बदलें तो युवाओं को इसका विरोध कर धर्म के आगे मानव प्रेम को स्‍थापित कर नये युग व धर्म को जन्‍म देने की जरूरत है। याद रखें कि आप भी पैगंबर बन सकते हैैं। क्‍योंकि आपमें खुदा/ भगवान है। वह जब आप अच्‍छा करेंगे आपके साथ खड़ा है। गीता पढ़ें। इसे धार्मिक ग्रंथ ही न मानें, यह मानव कल्‍याण का मंत्र है। एक बार हर इंंसान को इसे जरूर पढ़ना चाहिए। और जो लोग इसे बार-बार पढ़ते हैैं, उनमें स्‍वत: देवत्‍व आ जाता है।

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