फैट से फाइट कर रोगों को दूर भगाएं
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आदित्य देव/aditya dev |
फैट से फाइट कर रोगों को दूर भगाएं
मोटापा यानी ढेरों आलस और बीमारियों का स्वागत द्वार। सबसे पहले तो यह जान लें कि मोटापा कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह रोगों का रास्ता है। इस अभिशाप से जल्द छुटकारा नहीं पाए तो कल यह जान के लिए जोखिम बन जाएगा। विश्व एंटी ओवेसिटी दिवस के अवसर पर अपने और अपनों के स्वास्थ्य को लेकर आइए एक संकल्प लें कि आज से इस फैट से फाइट करेंगे और इसे दूर भगाएंगे।
दुनिया में एक अरब 20 करोड़ लोग मोटापे से आज पीडि़त हैं, पर अब इस आंकड़े को यहीं रोककर कम करने की जरूरत है। बता दें कि विश्व मोटापा विरोधी दिवस के तहत लोगों को स्वस्थ वजन बनाए रखने और पाने को लेकर जागरूक किया जाता है। इस पहल में वीएलसीसी काफी कारगर कदम उठा लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का काम करता है। इसकी पहल है कि मोटापा में कटौती, रोकथाम और उपचार करने के वैश्विक प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। इसके अलावा आज वजन को लेकर व्याप्त सामाजिक भेदभाव व नकारात्मक व्यवहार और दृष्टिकोण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाए।
रिमोट कंट्रोल व्यवहार से बचें
आज हर इंसान आराम का आदी हो गया है। वह हर काम रिमोट कंट्रोल या एक स्विच पर आधारित चाहता है। इसके अलावा असंयमित खान-पान और शारीरिक श्रम में कमी ने मोटापे को घर-घर तक पहुंचा दिया है। आज की स्थिति यह है कि इंसानों में यह एक आम समस्या बन चुकी है। इस दिक्कत ने भारत में भी बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को अपनी चपेट में लिया है। युवा भी अपनी आरामपोश जिंदगी के चलते इससे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में आज हम सबको यह जान लेना होगा कि यदि मोटापे को मार भगाना है तो अपने शरीर को श्रमयुक्त बनाना है।
प्रेग्नेंसी के लिए भी नुकसानदेह
कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि मोटापा भी कुछ हद तक इनफर्टिलिटी (नि:संतानता) का कारक है। मोटापे के चलते एंड्रोजन, इंसुलिन जैसे हार्मोन के अधिक बनने जैसी दिक्कत आती है। या फिर अंडोत्सर्जन तथा शुक्राणु के लिए नुकसानदेह प्रतिरोधी हार्मोन बनते हैं। चिंता की बात यह भी है कि मोटापे से गर्भधारण करने में वक्त तो बढ़ ही जाता है, साथ ही गर्भपात की आशंका दोगुनी बढ़ जाती है।
युवा हो रहे तेजी से प्रभावित
मोटापे के चलते दिनचर्या के साथ सेहत सीधे प्रभावित हो रही है। अधिक वजन से पीड़ित में टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, हृदयरोग और यहां तक कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी घर कर सकती हैं। ऐसे में आज युवाओं में मोटापे के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन चुके हैं।
- लगातार बैठकर वेब सीरीज देखना खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है।
- अस्थमा से पीड़ित बच्चों व युवाओं में मोटापे के शिकार होने की संभावना अधिक है।
- मालूम हो कि इनहेलर के तौर पर स्टेरॉयड लेने से उनकी भूख बढ़ती जाती है।
- युवा व्यायाम और योग से काफी दूरी बनाए रखते हैं जो इनके लिए घातक है।
- ऐसे में स्वस्थ भोजन के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव काफी जरूरी है।
तनाव को दूर भगाएं
यदि तनाव आपको ज्यादा देर तक या बार-बार तंग करता है तो आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं। मालूम हो कि तनाव के चलते हमारे शरीर में कोर्टिसोल जैसे कई हार्मोन बनते हैं। ये हार्मोन फैट स्टोरेज और शरीर की ऊर्जा खपत पर रोक लगाते हैं। कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से भूख में इजाफा हो जाता है। ऐसे में आपका जी मीठा और वसायुक्त खाना खाने का करने लगता है।
ये आजमाएं
- * मोटापे को मात देने के लिए और बीमारियों का खतरा कम करने के लिए सबसे पहले तो योग को जीवन का हिस्सा बना लें।
- * इसके अलावा रोजाना कम से कम एक घंटे शारीरिक व्यायाम जरूर करें।
- * अपने भोजन में संतुलित आहार को जगह देना शुरू कर दें।
- * तनाव को अपने आसपास भी भटकने न दें।
- * अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन में संतुलन बनाने पर जोर दें।
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